नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन उस समय शर्म से झेंप गया जब प्रवासियों के एक प्रतिनिधि ने आबादी पर अंकुश लगाने के लिए तरह-तरह के सुझाव देने शुरू कर दिए।
उस वक्त मंच पर कानून मंत्री कपिल सिब्बल, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच और पर्यटन मंत्री चिरंजीवी मौजूद थे।
उबाऊ भाषणों के बाद एक प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि भारत के महाशक्ति बनने के लिए आबादी पर अंकुश लगाना जरूरी है और यह संदेश प्रचारित करने के लिए भारतवंशियों को दिए जाने वाले गिफ्ट पैक में गर्भ निरोधकों के पैकेट रखे जाने चाहिए।
राजनीतिक विवाद के कारण उठते सवाल
इधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांत के मजबूत होने का दावा करते हुए भारतवंशियों से अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़े रहने की अपील की है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था की मजबूती और स्थायित्व पर उठ रहे सवालों को ज्यादा तरजीह न देने की अपील करते हुए कहा कि भारत में ऐसे मुद्दों को राजनीतिक विवादों के जरिए भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत
उन्होंने भारतवंशियों को बताया कि कई बाहरी और घरेलू कारणों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है। वर्ष 2004 के बाद से 7.9 फीसदी की प्रतिवर्ष औसत विकास दर के साथ-साथ बचत और निवेश दर अभी भी जीडीपी का तीस फीसदी से अधिक है।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने शासन में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार से शुरू 12वें प्रवासी भारत दिवस का प्रधानमंत्री ने बुधवार को औपचारिक उद्घाटन किया। बृहस्पतिवार को भारतवंशियों को भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी सहित पांच राज्यों के मुख्यमंत्री संबोधित करेंगे।
भारतवंशियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के बाहर कुछ तबकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बीते एक दशक से अपनी गति खो देने की बनी धारणा का जिक्र किया।
राजनीतिक विवाद
उन्होंने कहा कि ऐसे तथ्यों पर विश्वास करने से पहले भारतवंशियों को यह समझना होगा कि यहां ऐसे मुद्दों को राजनीतिक विवादों के जरिए भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
उन्होंने आसन्न चुनाव के कारण ऐसे मुद्दों के जोरशोर से उठने की भी संभावना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि देश की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत है, बल्कि टिकाऊ होने के कारण बेहतर भविष्य की ओर भी बढ़ रही है।
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने शासन में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने भारतीय शासन व्यवस्था की संघीय प्रकृति का सम्मान करते हुए इस दिशा में कई काम किया है।
उन्होंने भारतवंशियों को सूचना का अधिकार, लोकपाल और सरकारी खरीद कानून बनाए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि भविष्य में शासन में पारदर्शिता लाने के लिए कई अन्य प्रयास किए जाएंगे।
उस वक्त मंच पर कानून मंत्री कपिल सिब्बल, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच और पर्यटन मंत्री चिरंजीवी मौजूद थे।
उबाऊ भाषणों के बाद एक प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि भारत के महाशक्ति बनने के लिए आबादी पर अंकुश लगाना जरूरी है और यह संदेश प्रचारित करने के लिए भारतवंशियों को दिए जाने वाले गिफ्ट पैक में गर्भ निरोधकों के पैकेट रखे जाने चाहिए।
राजनीतिक विवाद के कारण उठते सवाल
इधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांत के मजबूत होने का दावा करते हुए भारतवंशियों से अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़े रहने की अपील की है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था की मजबूती और स्थायित्व पर उठ रहे सवालों को ज्यादा तरजीह न देने की अपील करते हुए कहा कि भारत में ऐसे मुद्दों को राजनीतिक विवादों के जरिए भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत
उन्होंने भारतवंशियों को बताया कि कई बाहरी और घरेलू कारणों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है। वर्ष 2004 के बाद से 7.9 फीसदी की प्रतिवर्ष औसत विकास दर के साथ-साथ बचत और निवेश दर अभी भी जीडीपी का तीस फीसदी से अधिक है।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने शासन में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार से शुरू 12वें प्रवासी भारत दिवस का प्रधानमंत्री ने बुधवार को औपचारिक उद्घाटन किया। बृहस्पतिवार को भारतवंशियों को भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी सहित पांच राज्यों के मुख्यमंत्री संबोधित करेंगे।
भारतवंशियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के बाहर कुछ तबकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बीते एक दशक से अपनी गति खो देने की बनी धारणा का जिक्र किया।
राजनीतिक विवाद
उन्होंने कहा कि ऐसे तथ्यों पर विश्वास करने से पहले भारतवंशियों को यह समझना होगा कि यहां ऐसे मुद्दों को राजनीतिक विवादों के जरिए भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
उन्होंने आसन्न चुनाव के कारण ऐसे मुद्दों के जोरशोर से उठने की भी संभावना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि देश की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत है, बल्कि टिकाऊ होने के कारण बेहतर भविष्य की ओर भी बढ़ रही है।
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने शासन में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने भारतीय शासन व्यवस्था की संघीय प्रकृति का सम्मान करते हुए इस दिशा में कई काम किया है।
उन्होंने भारतवंशियों को सूचना का अधिकार, लोकपाल और सरकारी खरीद कानून बनाए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि भविष्य में शासन में पारदर्शिता लाने के लिए कई अन्य प्रयास किए जाएंगे।
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