Thursday, January 9, 2014

यूपी: मुजफ्फरनगर त्रस्त, मंत्री 'वर्ल्ड टूर' पर मस्त

riots in Muzaffarnagar, no problem for SP Ministers
मंत्रियों और विधायकों के विदेश दौरे पर प्रदेश सरकार घिर गई है। मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों की बदहाली और ठंड से मासूमों की मौतों के बीच 17 माननीयों के स्टडी टूर पर सवाल उठने लगे हैं।

विपक्षी दलों ने सरकार को संवेदनहीन करार देते हुए कहा है कि जनता बेहाल है और मंत्रियों-विधायकों को विदेश टूर के नाम पर मौज-मस्ती की सूझ रही है।

बेवक्त का यह विदेश दौरा सरकारी धन का दुरुपयोग है। सरकार ने दौरे के लिए एक करोड़ रुपये दिए हैं जबकि दो-दो लाख ये नेता खरीदारी के लिए अपनी जेब से खर्च करेंगे।

नगर विकास मंत्री आजम खां की अगुवाई में मंत्रियों-विधायकों का डेलीगेशन बुधवार सवेरे दिल्ली से इस्तांबुल (तुर्की) पहुंच गया। यह दल नीदरलैंड, ब्रिटेन, ग्रीस और संयुक्त अरब अमीरात भी जाएगा।

18 दिन के स्टडी टूर के दौरान मंत्री-विधायक इन देशों की संसदीय परंपराओं की जानकारी हासिल करेंगे, अप्रवासी भारतीयों से मिलेंगे।

लेकिन विडंबना यह है कि यह टूर ऐसे समय में हो रहा है जब मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के कैंप हटा दिए गए। वे इधर-उधर मारे-मारे फिर रहे हैं। ठंड से कई मासूमों की मौत हो गई।

प्रदेश शीतलहर की चपेट में है, ऐसे में यह दौरा किसी के गले नहीं उतर रहा है। यहां तक कि मेरठ के प्रभारी मंत्री आजम खां भी दंगा पीड़ितों को बदहाल छोड़ विदेश दौरे पर चले गए।

कांग्रेस विधायक रीता बहुगुणा जोशी ने इसे बेतुका बताते हुए कहा कि पहले भी स्टडी टूर होते थे लेकिन उनका मकसद विदेशी मुल्कों की संसदीय व्यवस्था और वहां की गवर्नेंस का अध्ययन करना होता था।

पिछले कुछ सालों से स्टडी टूर हॉलीडे टूर में तब्दील हो गए हैं। जनता के पैसे से मौजमस्ती करना जायज नहीं है।

बसपा विधायक और विधानसभा में नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह तो वैसे ही जैसे रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था।

विदेशी टूर और सैफई महोत्सव में जश्न जनता के साथ क्रूर मजाक है। स्टडी टूर सैरसपाटा और फिजूलखर्ची हैं।

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