Thursday, January 9, 2014

प्रियंका को मैदान में उतारने से कांग्रेस को परहेज क्यों?

Priyanka will decide future role herself says Congress
पर्दे के पीछे से प्रियंका गांधी की कांग्रेस में सक्रिय होने की संभावना को कांग्रेस ने एक बार फिर नकार दिया है।

पार्टी ने सफाई दी है कि एक बहन होने के नाते प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल के घर आई थी। उस समय वहां पहले से ही कांग्रेस के नेताओं की बैठक चल रही थी। इसलिए शिष्टाचार के नाते प्रियंका ने नेताओं से मुलाकात की।

राहुल का प्रभाव हो सकता है कम
दरअसल, कांग्रेसी कार्यकर्त्ता प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं और नेताओं का भी मानना है कि जनता को अपने पक्ष में करने के प्रियंका में एक लुभावना आकर्षण है। इससे जनता सीधे उनसे जुड़ सकती है।

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मगर इसी के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इससे राहुल का प्रभाव भी कम हो सकता है। इसलिए प्रियंका को सीधे लाने में परहेज किया जा रहा है। प्रियंका की सक्रियता से राहुल के उनकी छाया बनने का खतरा ज्यादा पैदा होता है।

मीडिया ने दिया तूल
पार्टी की दलील है कि इन शिष्टाचार की मेल मुलाकातों को लेकर मीडिया को ज्यादा तूल देना नहीं चाहिए। 17 जनवरी को कांग्रेस की बैठक से पहले प्रियंका गांधी के मंगलवार को अचानक कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। उस समय अपने निवास में राहुल गांधी मौजूद नहीं थे।

प्रियंका की नेताओं से बैठक को लेकर राहुल गांधी की पीएम उम्मीदवारी की ताजपोशी की संभावना को बल मिला है। साथ ही प्रियंका के कांग्रेस में सक्रिय होने की बात भी शुरू हुई।

बहन अपने भाई के घर आई

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि एक बहन अपने भाई के घर आ सकती है। भाई घर में हो या नहीं। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। पार्टी ने यह मानने से इनकार किया कि प्रियंका ने नेताओं से राहुल गांधी की पीएम उम्मीदवारी या फिर किसी तरह की पार्टी की गतिविधियों को लेकर बात की।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की गैर मौजूदगी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनके निवास पर बैठक करते रहते हैं। वहां पार्टी उपाध्यक्ष का कार्यालय भी है। पार्टी में कुछ नेता दबी जुबान में कबूल करते है कि प्रियंका की सक्रियता की वजह से राहुल गांधी की भूमिका पर असर पड़ता है। इसलिए पार्टी इसे ज्यादा नहीं उछालना ही ठीक समझ रही है।

रायबरेली व अमेठी तक रहेंगी सीमित

पार्टी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि प्रियंका गांधी ने खुद को रायबरेली और अमेठी में चुनावी गतिविधियों तक सीमित रखा है। देशभर में प्रचार या फिर राजनीति में आने के सवाल को लेकर पार्टी का कहना है कि इस संबंध में प्रियंका को ही फैसला लेना है।

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