लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बसपा में चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर कसरत शुरू गई है।
दरअसल, बसपा में मायावती के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले सतीश चंद्र मिश्र ने इस संदर्भ में तीन जनवरी को कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की है।
लोकसभा की जंग में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को मात देने के लिए कांग्रेस के भीतर गठबंधन की संभावनाएं टटोली जा रही हैं।
पहले कांग्रेस से इस गठबंधन को लेकर बसपा इच्छुक नहीं मानी जा रही थी, मगर उत्तर प्रदेश में बदले हालात को देखते हुए बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र की कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात के बाद गठबंधन की कोशिशें दोनों तरफ से आगे बढ़ी हैं।
भ्रष्टाचार और महंगाई की बदनामी को झेल रही कांग्रेस अब 2014 के आम चुनाव की जंग के लिए नई रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी में शीर्ष स्तर पर राय बनी है कि कांग्रेस को चुनाव पूर्व गठबंधन के विचार को मूर्त रूप देना चाहिए।
गठबंधन की संभावनाओं को टटोल रही कांग्रेस की एंटनी समिति में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने अमर उजाला को कहा कि यूपी में बसपा से गठबंधन दोनों पार्टियों के लिए बेहतर साबित हो सकता है। सूबे में दोनों पार्टियों का दलित-मुस्लिम समीकरण विरोधी दलों को पटखनी दे सकता है।
पार्टी के नेता ने बताया कि सपा के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। क्योंकि मुजफ्फरनगर दंगों और खराब कानून व्यवस्था को लेकर बदनाम सपा सरकार से दूरी बनाना और उसके खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद करना ही वहां कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगा। लिहाजा बसपा से गठबंधन की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने सतीश चंद्र मिश्र की कांग्रेस हाईकमान से तीन जनवरी को हुई मुलाकात की पुष्टि भी की। यह बातचीत अभी शुरुआती स्तर पर है।
पार्टी ने अभी बसपा से गठबंधन करने की इच्छा जताई है। जबकि मिश्र ने कांग्रेस हाईकमान का यह संदेश बसपा सुप्रीमो मायावती को देने की बात कही है।
दरअसल, बसपा में मायावती के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले सतीश चंद्र मिश्र ने इस संदर्भ में तीन जनवरी को कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की है।
लोकसभा की जंग में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को मात देने के लिए कांग्रेस के भीतर गठबंधन की संभावनाएं टटोली जा रही हैं।
पहले कांग्रेस से इस गठबंधन को लेकर बसपा इच्छुक नहीं मानी जा रही थी, मगर उत्तर प्रदेश में बदले हालात को देखते हुए बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र की कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात के बाद गठबंधन की कोशिशें दोनों तरफ से आगे बढ़ी हैं।
भ्रष्टाचार और महंगाई की बदनामी को झेल रही कांग्रेस अब 2014 के आम चुनाव की जंग के लिए नई रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी में शीर्ष स्तर पर राय बनी है कि कांग्रेस को चुनाव पूर्व गठबंधन के विचार को मूर्त रूप देना चाहिए।
गठबंधन की संभावनाओं को टटोल रही कांग्रेस की एंटनी समिति में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने अमर उजाला को कहा कि यूपी में बसपा से गठबंधन दोनों पार्टियों के लिए बेहतर साबित हो सकता है। सूबे में दोनों पार्टियों का दलित-मुस्लिम समीकरण विरोधी दलों को पटखनी दे सकता है।
पार्टी के नेता ने बताया कि सपा के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। क्योंकि मुजफ्फरनगर दंगों और खराब कानून व्यवस्था को लेकर बदनाम सपा सरकार से दूरी बनाना और उसके खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद करना ही वहां कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगा। लिहाजा बसपा से गठबंधन की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने सतीश चंद्र मिश्र की कांग्रेस हाईकमान से तीन जनवरी को हुई मुलाकात की पुष्टि भी की। यह बातचीत अभी शुरुआती स्तर पर है।
पार्टी ने अभी बसपा से गठबंधन करने की इच्छा जताई है। जबकि मिश्र ने कांग्रेस हाईकमान का यह संदेश बसपा सुप्रीमो मायावती को देने की बात कही है।
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