Thursday, January 9, 2014

न डायरी, न वकील...सरबजीत को कैसे म‌िले इंसाफ!

Sarabjit murderer's trials start at pakistan
लाहौर सेंट्रल जेल में हमलाकर कत्ल किए गए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के परिवार को वहां शुरू हुई अदालती कार्यवाही से न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

सरबजीत की बहन का कहना है कि मुख्य आरोपी आमेर आफताब और मुदस्सर तो मोहरे हैं, जेल में हमले की असल साजिश तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और कोट लखपत जेल के अफसरों ने रची थी।

परिवार का कहना है कि सरबजीत को आजाद कराने की लड़ाई लडऩे वाले वकील ओवैश शेख धमकियों और हमले के बाद केस शुरू होने से पहले ही पाक छोड़कर स्वीडन में बस गए हैं।

ज‌िस डायरी में सबूत वह भी गायब
इसके अलावा सरबजीत ने अपने साथ हो रही साजिश और प्रताडऩा की पूरी कहानी जिस डायरी में लिखी थी, उसे भी हत्या के बाद कोट लखपत जेल के अधिकारियों ने गायब कर दिया।

परिवार का आशंका है कि बिना डायरी और परिवार के हमदर्द वकील की गैर मौजूदगी में पाक में केस की औपचारिकता उसी तरह पूरी की जाएगी जैसे 23 साल पहले सबरजीत का बिना गवाह और सुबूत के फांसी की सजा सुना दी गई थी।

लाहौर के एडिशनल सेशन जज के सेंट्रल जेल में जाकर सरबजीत हत्याकांड मामले की सुनवाई शुरू करने की जानकारी मिलने के बाद सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने अमर उजाला को जालंधर से फोन पर बताया कि वह पाकिस्तान सरकार से मांग करेंगी कि उनकी लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद उन भारतीय कैदियों से अकेले में बात करवाई जाए जिनकी सरबजीत से नजदीकी थी।

उन्होंने वहां कैद अहमदाबाद निवासी कुलदीप कुमर से खासतौर से मुलाकात करवाने की मांग रखी क्यों कि सरबजीत उसी को अपने खिलाफ रची जा रही हर साजिश के बारे में बताते थे।

उन्होंने कहा कि सरबजीत के साथ हुए अन्याय और फिर जेल में हमलाकर कत्ल करने के मसले को वह अंतर्राष्ट्रीय अदालत और मानवाधिकार संगठन तक ले जाएंगी। इसके लिए उन्होंने वकीलों से बातचीत भी शुरू कर दी है।

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