
सीमापार से संचालित आतंकी संगठनों ने चुनाव में गड़बड़ी और हिंसा की बड़ी साजिश रची है।
सीमा और एलओसी के उस पार विशेष रूप से प्रशिक्षित किए गए लगभग 400 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार हैं। सुरक्षा एजेंसियों को सर्विलांस के जरिये ऐसी जानकारी मिली है। गृह मंत्रालय को इस बाबत जानकारी देने के साथ ही सेना को सतर्क कर दिया गया है।
नार्दर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जी एस हुड्डा ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहा कि सेना दोनों मोर्चों पर मुस्तैद है।
चुनाव में बाधा डालने की कोशिश
घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने और जम्मू कश्मीर में पहले से मौजूद आतंकियों को भी समाप्त करने के लिए पुख्ता रणनीति बनाकर उस अमल शुरू हो गया है। सेना को इनपुट मिला है कि आतंकी संगठन चुनाव में बाधा डालने की रणनीति बना चुके हैं। इससे निपटना सुरक्षा बलों के लिए भी बड़ी चुनौती है।
लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने माना कि अफगानिस्तान में इन दिनों कश्मीरी लड़ाके भी हैं। कश्मीर घाटी में इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है, इसलिए जम्मू संभाग के राजोरी-पुंछ और एलओसी की अन्य पोस्टों से घुसपैठ की आशंका है। हम किसी भी कीमत पर बड़े पैमाने पर घुसपैठ नहीं होने देंगे।
इसके लिए आधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। आतंकियों ने सेना और सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ाए हैं। यह सब उकसाने के लिए किया जा रहा है ताकि सैन्य कार्रवाई के बाद स्थानीय स्तर पर नाराजगी पैदा की जा सके।
सेना पूरी तरह संयम से काम ले रही है। इस समय एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा की तमाम पाक पोस्टों पर प्रशिक्षित आतंकियों का जमावड़ा है। पीओके में आतंकी संगठनों के 42 प्रशिक्षण केंद्र होने की सूचना है।
तालिबानी लड़ाकों की भी चुनौती
सेना के सामने पाक समर्थित आतंकी संगठनों के अलावा तालिबानी लड़ाकों की भी चुनौती है जो अफगानिस्तान से नाटो सेना की वापसी के बाद कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
इनमें कश्मीर के आतंकी भी बड़ी संख्या में शामिल हैं जो अभी अफगानिस्तान में लड़ रहे हैं। चुनाव के वक्त तालिबानी लड़ाकों का यह गुट भी कश्मीर की ओर रुख कर सकता है। खुफिया एजेंसियों ने इस बाबत भी आगाह किया है।
जनता से जुड़ाव बढ़ा रही सेना
सेना ने पीपुल्स फ्रेंडली एक्शन भी शुरू किया है। इसके तहत स्थानीय लोगों से भी मदद मिलने लगी है। लेफ्टिनेंट जनरल जी एस हुड्डा ने कहा कि आतंकी हमें उकसाना चाहते हैं, लेकिन सेना संयम से कार्रवाई कर रही है।
एलओसी पर आधुनिकतम उपकरण से बड़े क्षेत्रफल का सर्विलांस किया जा सकता है। स्थानीय इंटेलींजेंस की भी पुख्ता व्यवस्था है। 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही है।
सेना को स्थानीय संपर्क से भी सूचनाएं मिल रही हैं। जो आतंकी पहले घुसपैठ कर चुके हैं और रियासत में मौजूद हैं, उन्हें दबोचने की रणनीति बनाई गई है। तलाशी अभियान और पेट्रोलिंग से दबाव बनाया जाता है।
सीमा और एलओसी के उस पार विशेष रूप से प्रशिक्षित किए गए लगभग 400 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार हैं। सुरक्षा एजेंसियों को सर्विलांस के जरिये ऐसी जानकारी मिली है। गृह मंत्रालय को इस बाबत जानकारी देने के साथ ही सेना को सतर्क कर दिया गया है।
नार्दर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जी एस हुड्डा ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहा कि सेना दोनों मोर्चों पर मुस्तैद है।
चुनाव में बाधा डालने की कोशिश
घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने और जम्मू कश्मीर में पहले से मौजूद आतंकियों को भी समाप्त करने के लिए पुख्ता रणनीति बनाकर उस अमल शुरू हो गया है। सेना को इनपुट मिला है कि आतंकी संगठन चुनाव में बाधा डालने की रणनीति बना चुके हैं। इससे निपटना सुरक्षा बलों के लिए भी बड़ी चुनौती है।
लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने माना कि अफगानिस्तान में इन दिनों कश्मीरी लड़ाके भी हैं। कश्मीर घाटी में इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है, इसलिए जम्मू संभाग के राजोरी-पुंछ और एलओसी की अन्य पोस्टों से घुसपैठ की आशंका है। हम किसी भी कीमत पर बड़े पैमाने पर घुसपैठ नहीं होने देंगे।
इसके लिए आधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। आतंकियों ने सेना और सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ाए हैं। यह सब उकसाने के लिए किया जा रहा है ताकि सैन्य कार्रवाई के बाद स्थानीय स्तर पर नाराजगी पैदा की जा सके।
सेना पूरी तरह संयम से काम ले रही है। इस समय एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा की तमाम पाक पोस्टों पर प्रशिक्षित आतंकियों का जमावड़ा है। पीओके में आतंकी संगठनों के 42 प्रशिक्षण केंद्र होने की सूचना है।
तालिबानी लड़ाकों की भी चुनौती
सेना के सामने पाक समर्थित आतंकी संगठनों के अलावा तालिबानी लड़ाकों की भी चुनौती है जो अफगानिस्तान से नाटो सेना की वापसी के बाद कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
इनमें कश्मीर के आतंकी भी बड़ी संख्या में शामिल हैं जो अभी अफगानिस्तान में लड़ रहे हैं। चुनाव के वक्त तालिबानी लड़ाकों का यह गुट भी कश्मीर की ओर रुख कर सकता है। खुफिया एजेंसियों ने इस बाबत भी आगाह किया है।
जनता से जुड़ाव बढ़ा रही सेना
सेना ने पीपुल्स फ्रेंडली एक्शन भी शुरू किया है। इसके तहत स्थानीय लोगों से भी मदद मिलने लगी है। लेफ्टिनेंट जनरल जी एस हुड्डा ने कहा कि आतंकी हमें उकसाना चाहते हैं, लेकिन सेना संयम से कार्रवाई कर रही है।
एलओसी पर आधुनिकतम उपकरण से बड़े क्षेत्रफल का सर्विलांस किया जा सकता है। स्थानीय इंटेलींजेंस की भी पुख्ता व्यवस्था है। 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही है।
सेना को स्थानीय संपर्क से भी सूचनाएं मिल रही हैं। जो आतंकी पहले घुसपैठ कर चुके हैं और रियासत में मौजूद हैं, उन्हें दबोचने की रणनीति बनाई गई है। तलाशी अभियान और पेट्रोलिंग से दबाव बनाया जाता है।
No comments:
Post a Comment