
मौत की सजा पाए आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के हक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार भी है।
अरविंद केजरीवाल की तरफ से जंतर मंतर पर सिखों से जुड़े विभिन्न मुद्दों की मांग को लेकर बैठे इकबाल सिंह को भेजे गए पत्र में साफ किया गया है कि दिल्ली सरकार ने भुल्लर की रिहाई की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है।
पार्टी के दो विधायकों ने जंतर-मंतर जाकर एसआईटी गठन की घोषणा और भुल्लर को लेकर चिट्ठी का हवाला देकर इकबाल सिंह का अनशन खत्म कराया है।
वहीं इस मामले में दिल्ली सरकार के अधिकारी बता रहे हैं कि रिहाई नहीं, बल्कि फांसी की सजा को बीमारी का हवाला देकर आजीवन कारावास में बदलने की बात कही गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी अपने कार्यकाल में भुल्लर को तिहाड़ जेल मैन्युअल का हवाला देकर मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने तक फांसी नहीं दिए जाने की सिफारिश की थी।
अब भुल्लर की पत्नी की तरफ से लगाई गई दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को सुनवाई करने के लिए सहमति जता दी है।
देवेंद्र सिंह भुल्लर को 1993 में नई दिल्ली के रायसीना रोड पर यूथ कांग्रेस ऑफिस पर हुए धमाके में मौत की सजा हुई है। धमाके में 9 लोग मारे गए थे और उस समय के युवा कांग्रेस अध्यक्ष एमएस बिट्टा सहित 25 लोग घायल हुए थे।
भुल्लर का शाहदरा के मानसिक रोग अस्पताल (इहबास) में इलाज चल रहा है। इस आधार पर उसकी मौत की सजा बदलने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी, जिसे पिछले साल खारिज कर दिया गया था।
अरविंद केजरीवाल की तरफ से जंतर मंतर पर सिखों से जुड़े विभिन्न मुद्दों की मांग को लेकर बैठे इकबाल सिंह को भेजे गए पत्र में साफ किया गया है कि दिल्ली सरकार ने भुल्लर की रिहाई की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है।
पार्टी के दो विधायकों ने जंतर-मंतर जाकर एसआईटी गठन की घोषणा और भुल्लर को लेकर चिट्ठी का हवाला देकर इकबाल सिंह का अनशन खत्म कराया है।
वहीं इस मामले में दिल्ली सरकार के अधिकारी बता रहे हैं कि रिहाई नहीं, बल्कि फांसी की सजा को बीमारी का हवाला देकर आजीवन कारावास में बदलने की बात कही गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी अपने कार्यकाल में भुल्लर को तिहाड़ जेल मैन्युअल का हवाला देकर मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने तक फांसी नहीं दिए जाने की सिफारिश की थी।
अब भुल्लर की पत्नी की तरफ से लगाई गई दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को सुनवाई करने के लिए सहमति जता दी है।
देवेंद्र सिंह भुल्लर को 1993 में नई दिल्ली के रायसीना रोड पर यूथ कांग्रेस ऑफिस पर हुए धमाके में मौत की सजा हुई है। धमाके में 9 लोग मारे गए थे और उस समय के युवा कांग्रेस अध्यक्ष एमएस बिट्टा सहित 25 लोग घायल हुए थे।
भुल्लर का शाहदरा के मानसिक रोग अस्पताल (इहबास) में इलाज चल रहा है। इस आधार पर उसकी मौत की सजा बदलने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी, जिसे पिछले साल खारिज कर दिया गया था।
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