Thursday, January 30, 2014

'मोदी क्या कोई भी 370नहीं हटा सकता'

omar abdullah interview
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि देश का प्रधानमंत्री कोई भी बने अनुच्छेद 370 को कोई नहीं हटा सकता। रियासत को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद को हटाने का मतलब रियासत के देश से हुए विलय पर सवाल उठाने जैसा होगा।

उमर ने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री बनें, राष्ट्रपति बनें अथवा कोई और पद संभाले इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। संवैधानिक तौर पर वे विलय पर सवाल उठाए बिना अनुच्छेद 370 को नहीं हटा सकते। इसके बावजूद अगर वे बतौर प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की बात को नए सिरे से लिखना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। पर मैं नहीं समझता कि कोई भी प्रधानमंत्री इस हद तक असावधानी बरतेगा।

उमर बीबीसी के 'हार्ड टॉक' प्रोग्राम में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।

इस दौरान उमर से अनुच्छेद 370 पर नरेंद्र मोदी के साथ किसी भी समय किसी भी जगह चर्चा करने की उनकी राय के संबंध में भी सवाल पूछा गया। इस पर उनका कहना था कि मोदी ने इस संबंध में खुद तो कोई जवाब नहीं दिया था, पर उनके करीबियों में से एक ने बयान दिया कि वह इतने व्यस्त हैं कि अनुच्छेद 370 पर चर्चा भी नहीं कर सकते।

इंटरव्यू के दौरान एग्जिट पोल का हवाला देते हुए उमर से पूछा गया कि यदि इन सर्वे पर भरोसा किया जाए तो मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। चूंकि भाजपा अनुच्छेद 370 हटाने की बात कह रही है तो क्या वे घबराए हुए हैं।

उमर ने कहा मैं कतई चिंतित नहीं हूं। रियासत को विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक माने जाने के संबंध में पूछे गए सवाल को भी उमर ने पूरी तरह नकार दिया। उनका कहना था कि न ही अंदरूनी सुरक्षा के ही मामले में ऐसा कुछ है और न ही बाहरी हालात ऐसे हैं।

उमर ने कहा कि उनके पास जो इंटेलीजेंस इनपुट हैं उनके आधार पर वे कह सकते हैं कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटाए जाने के बाद भी किसी खतरे की बात नहीं है। अलकायदा के अल जवाहिरी के कश्मीर में नया जेहाद छेड़ने पर उमर का कहना था कि कोई खतरा नहीं है पर सतर्क रहने की जरूरत है।

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