Tuesday, January 14, 2014

यौन शोषण: जस्टिस स्वतंत्र कुमार की मुश्किलें बढ़ीं

Intern moves SC for inquiry against Justice Swatanter Kumar
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली लॉ इंटर्न ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

सोमवार को याचिका दायर कर उसने शीर्ष अदालत से मामले की जांच कराने का आग्रह किया। याचिका मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय किया है।

इंटर्न की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया।

'जज ने हाथ डाला, मुझे किस किया...मैं सन्न रह गई'

साल्वे की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भर दी। अदालत ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई 15 जनवरी को करेगी।

लॉ इंटर्न ने सुप्रीम कोर्ट के पांच दिसंबर के निर्णय को भी चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि वह किसी भी पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

इंटर्न का आरोप है कि जस्टिस कुमार ने उसका मई 2011 में उस वक्त यौन उत्पीड़न किया था, जब वह उनके पास इंटर्नशिप कर रही थी।

जस्टिस कुमार तब सुप्रीम कोर्ट के जज भी थे। इंटर्न ने जांच के लिए शीर्ष अदालत से विशेष समिति गठित करने का अनुरोध किया है।

उसने कहा है कि उसके मामले की जांच भी शीर्ष अदालत को उसी तरह करानी चाहिए, जैसे कि जस्टिस एके गांगुली के मामले में की गई थी।

उसने यह भी कहा है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निपटारे के लिए शीर्ष अदालत को एक तंत्र विकसित करना चाहिए।

कोलकाता स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरीडिकल साइंसेज की छात्रा रही याचिकाकर्ता का कहना है कि चूंकि जस्टिस कुमार घटना के वक्त सुप्रीम कोर्ट के जज थे, इसलिए विशाखा दिशानिर्देशों के तहत शीर्ष अदालत को मामले की जांच के लिए समिति गठित करनी चाहिए।

जस्टिस गांगुली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि मामला सेवानिवृत्त न्यायाधीश का है और प्रशिक्षु महिला वकील न्यायालय की तरफ से अधिकृत प्रशिक्षु नहीं थी इसलिए वह कार्रवाई नहीं कर सकता। शीर्ष अदालत के इस रुख की कड़ी आलोचना भी हुई थी।

इंदिरा जयसिंह समेत कई वकील समर्थन में
जस्टिस स्वतंत्र कुमार पर लगे आरोपों के बाद कई दिग्गज वकील लॉ इंटर्न के समर्थन में आ गए हैं। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह, दिग्गज वकील कामिनी जायसवाल और वृंदा ग्रोवर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को समिति गठित कर इंटर्न के आरोपों की जांच करानी चाहिए क्योंकि जब घटना हुई, उस समय जस्टिस कुमार सुप्रीम कोर्ट के जज थे।

क्या हैं आरोप
युवती ने आरोप लगाया गया है कि पहली घटना में जज ने उसके हाथ और कमर को पकड़ा।

दूसरी बार जज ने उसके कंधे को चूमा, साथ ही कूल्हों पर हाथ रखा और तीसरी बार प्रस्ताव दिया कि यदि उसे कोई परेशानी न हो तो वह जज के साथ घूमने चले और उनके साथ होटल में रुके।

पूर्व जज के इस व्यवहार से आहत होकर उसे अपनी इंटर्नशिप बीच में ही छोड़नी पड़ी थी।

छुट्टी पर गए जस्टिस स्वतंत्र कुमार
यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के काम से छुट्टी ले ली।

जस्टिस कुमार ने लॉ इंटर्न के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा है कि उनके खिलाफ साजिश की गई है।

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