वो दिन अब दूर नहीं है जब घने कोहरे में भी ट्रेने पूरी रफ्तार से धडधडाते हुए दौडेंगी। रेलवे ने कोहरे में रेलगाडियों का परिचालन शुरू करने के लिये व्यापक तकनीकी उपाय लागू करने का फैसला किया है।
इसके अंतर्गत रेलवे स्वचालित सिग्नल प्रणाली को तरंग आधारित करने के साथ ही तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबे मार्ग पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली लगायी जाएगी।
रेलवे सूत्रों के अनुसार स्वचालित सिग्नल प्रणाली को तंरग आधारित बनाने और इंजन में तरंग सिग्नल को ग्रहण करने की क्षमता बनाने से कोहरे में रेलगाडी का संचालन में आसानी होगी। लोको पायलट को तरंग सिग्नल की मदद से गति बनाये रखने में मदद मिलेगी।
लेकिन सिग्नल में किसी तरह की चूक की संभावना से दुर्घटना की आशंका को खत्म करने के लिये स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली भी लगायी जाएगी।
इसके अंतर्गत रेलवे स्वचालित सिग्नल प्रणाली को तरंग आधारित करने के साथ ही तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबे मार्ग पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली लगायी जाएगी।
रेलवे सूत्रों के अनुसार स्वचालित सिग्नल प्रणाली को तंरग आधारित बनाने और इंजन में तरंग सिग्नल को ग्रहण करने की क्षमता बनाने से कोहरे में रेलगाडी का संचालन में आसानी होगी। लोको पायलट को तरंग सिग्नल की मदद से गति बनाये रखने में मदद मिलेगी।
लेकिन सिग्नल में किसी तरह की चूक की संभावना से दुर्घटना की आशंका को खत्म करने के लिये स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली भी लगायी जाएगी।
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