लोकसभा चुनाव में उतरने जा रही आम आदमी पार्टी ने सीटों की संख्या का औपचारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि 350 सीटों पर विरोधियों को टक्कर दी जाएगी।
इसमें हिंदी भाषी राज्यों की ज्यादातर सीटें शामिल होंगी। 20 जनवरी तक पार्टी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर देगी।
दरअसल, दिल्ली चुनाव के बाद पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में उन्हीं सीटों से प्रत्याशी उतारा जाए, जहां पार्टी का सांगठनिक ढांचा कमोबेश मौजूद है।
इसके लिए 309 जिलों पर नजर थी। इसके आधार पर तैयारियां शुरू की गई थीं, लेकिन उम्मीदवारी के लिए देशभर से आए आवेदनों और सदस्यता अभियान में मिल रहे बेहतर रिस्पांस के आधार पर पार्टी ने तय किया है कि करीब 350 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा जाए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने बताया कि लोकसभा अभियान शुरू कर दिया गया है। देशभर में रैलियां चल रही हैं। हमारी कोशिश होगी कि करीब 350 सीटों पर चुनाव लड़ा जाए।
इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब की सभी सीटों के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड की सीटें भी शामिल होंगी। हालांकि, इसका आखिरी फैसला सदस्यता अभियान के बाद लिया जाएगा।
बुधवार शाम तक ऑनलाइन होंगे आवेदन
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी के लिए देशभर से दो हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं जिन्हें शार्ट लिस्ट किया जा रहा है। उम्मीद है कि पहली शार्ट लिस्ट बुधवार शाम तक ऑनलाइन हो जाएगी।
एक सीट पर तीन से पांच लोगों के नाम होंगे। फिर देशवासियों से राय ली जाएगी। इसके बाद पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति उम्मीदवारों के नाम पर आखिरी फैसला करेगी।
प्रवासी कार्यकर्ता जाएंगे अपने प्रदेश
पार्टी दिल्ली के सक्रिय प्रवासी कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल लोकसभा चुनावों में करेगी। इसके लिए उन्हें अपने राज्यों में भेजा जाएगा। पार्टी का मानना है कि इसका दोहरा फायदा मिलेगा।
इस तरह के कार्यकर्ताओं में जहां अपने मूल निवास स्थान की जानकारी होगी, वहीं दिल्ली के चुनावी मॉडल की भी इनमें समझ है। रणनीतिकारों की राय में प्रवासी व स्थानीय कार्यकर्ताओं की जुगलबंदी चुनावी अभियान को रफ्तार देने में मददगार होगी।
इसमें हिंदी भाषी राज्यों की ज्यादातर सीटें शामिल होंगी। 20 जनवरी तक पार्टी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर देगी।
दरअसल, दिल्ली चुनाव के बाद पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में उन्हीं सीटों से प्रत्याशी उतारा जाए, जहां पार्टी का सांगठनिक ढांचा कमोबेश मौजूद है।
इसके लिए 309 जिलों पर नजर थी। इसके आधार पर तैयारियां शुरू की गई थीं, लेकिन उम्मीदवारी के लिए देशभर से आए आवेदनों और सदस्यता अभियान में मिल रहे बेहतर रिस्पांस के आधार पर पार्टी ने तय किया है कि करीब 350 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा जाए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने बताया कि लोकसभा अभियान शुरू कर दिया गया है। देशभर में रैलियां चल रही हैं। हमारी कोशिश होगी कि करीब 350 सीटों पर चुनाव लड़ा जाए।
इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब की सभी सीटों के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड की सीटें भी शामिल होंगी। हालांकि, इसका आखिरी फैसला सदस्यता अभियान के बाद लिया जाएगा।
बुधवार शाम तक ऑनलाइन होंगे आवेदन
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी के लिए देशभर से दो हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं जिन्हें शार्ट लिस्ट किया जा रहा है। उम्मीद है कि पहली शार्ट लिस्ट बुधवार शाम तक ऑनलाइन हो जाएगी।
एक सीट पर तीन से पांच लोगों के नाम होंगे। फिर देशवासियों से राय ली जाएगी। इसके बाद पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति उम्मीदवारों के नाम पर आखिरी फैसला करेगी।
प्रवासी कार्यकर्ता जाएंगे अपने प्रदेश
पार्टी दिल्ली के सक्रिय प्रवासी कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल लोकसभा चुनावों में करेगी। इसके लिए उन्हें अपने राज्यों में भेजा जाएगा। पार्टी का मानना है कि इसका दोहरा फायदा मिलेगा।
इस तरह के कार्यकर्ताओं में जहां अपने मूल निवास स्थान की जानकारी होगी, वहीं दिल्ली के चुनावी मॉडल की भी इनमें समझ है। रणनीतिकारों की राय में प्रवासी व स्थानीय कार्यकर्ताओं की जुगलबंदी चुनावी अभियान को रफ्तार देने में मददगार होगी।
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