कमिश्नर हों या कलेक्टर, एसडीएम हों या नायब तहसीलदार, राजस्व विभाग से जुड़े सभी अफसरों को अब घर जाकर लंच की आदत छोड़नी होगी।
लंच करना है तो उन्हें अपने साथ ऑफिस में ही टिफिन लाना होगा।
यह फरमान सुनाया है प्रदेश के राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने। उन्होंने प्रमुख सचिव राजस्व को इस संबंध में आदेश जारी करने का निर्देश दिया।
राजस्व मंत्री शनिवार को राजस्व परिषद में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान वे प्रमुख सचिव राजस्व से मुखातिब हुए और कहा, आमतौर पर देखा जाता है कि अफसर लंच करने के लिए जाते हैं तो फिर दो-तीन घंटे बाद ही लौटते हैं।
दो बजे गए तो फरियादियों को पांच बजे तक इंतजार करना पड़ता है। इससे फरियादियों को परेशानी तो होती ही है, मातहत कर्मियों पर भी गलत असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कमिश्नर हों या कलेक्टर अथवा अन्य अधिकारी, वे लंच ऑफिस में ही करेंगे। इसके लिए टिफिन लाने की आदत डाल लें।
उन्होंने कहा, कमिश्नर, डीएम, एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार समय से कार्यालय में बैठें और जनसमस्याओं की सुनवाई करें।
साथ ही यह भी हिदायत दी कि अच्छे अफसरों को प्रोत्साहित किया जाए तो उदासीन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
लंच करना है तो उन्हें अपने साथ ऑफिस में ही टिफिन लाना होगा।
यह फरमान सुनाया है प्रदेश के राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने। उन्होंने प्रमुख सचिव राजस्व को इस संबंध में आदेश जारी करने का निर्देश दिया।
राजस्व मंत्री शनिवार को राजस्व परिषद में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इसी दौरान वे प्रमुख सचिव राजस्व से मुखातिब हुए और कहा, आमतौर पर देखा जाता है कि अफसर लंच करने के लिए जाते हैं तो फिर दो-तीन घंटे बाद ही लौटते हैं।
दो बजे गए तो फरियादियों को पांच बजे तक इंतजार करना पड़ता है। इससे फरियादियों को परेशानी तो होती ही है, मातहत कर्मियों पर भी गलत असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कमिश्नर हों या कलेक्टर अथवा अन्य अधिकारी, वे लंच ऑफिस में ही करेंगे। इसके लिए टिफिन लाने की आदत डाल लें।
उन्होंने कहा, कमिश्नर, डीएम, एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार समय से कार्यालय में बैठें और जनसमस्याओं की सुनवाई करें।
साथ ही यह भी हिदायत दी कि अच्छे अफसरों को प्रोत्साहित किया जाए तो उदासीन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
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