Sunday, December 29, 2013

केजरीवाल और मनीष के हाथ वादे निभाने की कुंजी

delhi cm arvind kejriwal keeps finance and home ministry
जिन वादों के बूते 'आप' की सरकार बनी, उन्हें पूरा करने की चाबी खुद अरविंद और मनीष ने अपने पास रखी है। जलबोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं, जबकि ऊर्जा विभाग भी केजरीवाल ने अपने पास रखा है।
भ्रष्टाचार रोकना है और सुरक्षा दुरुस्त करनी है तो गृह विभाग भी मुख्यमंत्री ने खुद संभाला है। खर्च सोच समझकर हो इसलिए वित्त विभाग भी अरविंद के पास है।
केजरीवाल ने पहले ही दिन जलबोर्ड, बिजली और आईजीएल के अधिकारियों के साथ बैठक करके रोडमैप पर बात की। बिजली के दाम आधे करने को लेकर अधिकारी खाका बना चुके हैं। कैबिनेट को फैसला करना है कि ये किस रास्ते से करना है।
पानी 700 लीटर फ्री देना है। जबकि सुरक्षा व्यवस्था की प्राथमिकता पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी को बुलाकर बता दी है। घूस लेने वालों पर नजर रखने का काम सतर्कता विभाग के पास है इसलिए अरविंद ने अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया है। हालांकि इस सिलसिले में अभी कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया है।
'वादे कैसे पूरा कर सकते हैं, इस पर सोचें'
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के प्रमुख अधिकारियों को पहले संबोधन में कहा है कि आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र को पढ़ें। जो वादे किए हैं उन्हें कैसे पूरा कर सकते हैं, इस पर सोचें। पार्टी ने एक साल में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने और मूलभूत सुविधाएं देने का वादा किया है।
यह शहरी विकास विभाग, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन विभाग व राजस्व विभाग का मिला-जुला काम है। सभी विभाग मनीष सिसोदिया के पास हैं। इतना ही नहीं स्वराज का वादा भी किया है जो स्थानीय निकाय का हिस्सा है।
'मनमानी नहीं चलेगी'
मनीष ने कहा है कि स्थानीय निकाय के लिए स्वराज का कानून बनाएंगे। वहीं निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक व सरकारी स्कूलों को दुरुस्त करने का वादा शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग व पीडब्ल्यूडी को मिलकर करना है। ये तीनों विभाग भी मनीष के पास ही हैं। उनका कहना है कि स्कूलों की फीस बढ़ाने का फार्मूला तय होगा, इनकी मनमानी नहीं चलेगी।

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