Sunday, December 29, 2013

'जयराम और शश‌ि थरूर झोलाछाप नेता'

Controversial statement of congress mp
कांग्रेस सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में अपने वरिष्ठ नेताओं पर करारा प्रहार किया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव का पद भी संभाल रहे वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस हाईकमान को जयराम रमेश और शशि थरूर जैसे झोलाछाप नेताओं की राय भारी पड़ रही है।
मध्य प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ के समर्थक माने जाने वाले वर्मा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह पर भी व्यंग्य किया है कि वह एनसाइक्लोपीडिया हैं, जो प्रवक्ताओं के कुछ कहने के पहले ही सारी बातें बोल जाते हैं।
वर्मा पार्टी के उन मुखर सांसदों में से हैं जो कांग्रेस की रीति नीति को लेकर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर करते रहे हैं। हाल ही के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी रेखा वर्मा ने देवास से भाजपा के तुकोजीराव पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था और वह चुनाव हार गई थीं।
सज्जन सिंह वर्मा ने कुछ माह पहले यह कहकर कांग्रेस में हलचल मचा दी थी कि कांग्रेस के कुछ नेताओं की दिल्ली में दुकान जमी है और उन्हें प्रदेश में पार्टी का क्या हो रहा है, इस बात की चिंता नहीं है।
कांग्रेस में नेताओं का एक वर्ग है जो इस बात से पीड़ित रहा है कि उनकी संगठन में कोई सुनवाई नहीं है और कांग्रेस ने दस साल तक राज किया लेकिन उसमें ऐसे लोगों की राय हावी रहती है जिनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं है।
शशि थरूर के कैटलक्लास वाले बयान को लेकर उनसे नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। वहीं जयराम रमेश की आए दिन की बयानबाजी को लेकर भी नाराजगी रही है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए बड़े नेताओं की बयानबाजी को जिम्मेदार मानने वालों की बड़ी संख्या है।
एक कांग्रेस नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'कपिल सिब्बल और दिग्विजय सिंह जैसे नेता जिस तरह से अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की टीम के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, उससे जनता में खराब संदेश गया।
बाबा रामदेव को महाठग कहकर ग्रामीण इलाकों में इन नेताओं ने कांग्रेस के प्रति नाराजगी पैदा की। इस सबसे बचने के लिए राजनीतिक तौर तरीके अपनाए जाने थे।'
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की आलोचना शरद पवार जैसे नेता पहले ही झोलाछाप सलाहकार कहकर कर चुके हैं। कांग्रेस के कई नेता एनएसी को दोषी नहीं मानते।
एक वरिष्ठ नेता का कहना है, 'जिन्हें आप झोलाछाप कह रहे हैं, वैसे ही लोग अरविंद केजरीवाल के साथ थे, और उन्होंने चुनावी सफलता हासिल की है। क्या आप सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को भी दोषी ठहराएंगे?
बहरहाल कांग्रेस में विधानसभा चुनाव हारने के बाद परस्पर दोषारोपण का दौर चल रहा है। लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस को अपने ज्यादा अवसर दिखाई नहीं दे रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि सांसदों ने पहले ही किसी न किसी नेता को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है।

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