
दिल्ली पर आम आदमी पार्टी का कब्जा होते ही अब राजधानी में सत्ता के प्रमुख केंद्रों पर माहौल भी बदलने लगा है।
शनिवार को एक ओर आम आदमी पार्टी की सरकार का शानदार जश्न मन रहा था तो दूसरी तरफ कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर माहौल बिलकुल फीका था।
देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के मुख्यालय में आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदमों का असर साफ दिख रहा था। मीडिया जरूर मौजूद था। मगर सवाल कांग्रेस के स्थापना दिवस के बारे में नहीं बल्कि केंद्र और कांग्रेस की राज्य सरकारों के भ्रष्टाचार को लेकर पूछे जा रहे थे।
इन सवालों से शायद सोनिया गांधी भी असहज हो गईं और उन्होंने मीडिया को नसीहत दे दी कि उसे सिर्फ केंद्र और कांग्रेस शासित राज्यों का नहीं बल्कि गैर कांग्रेसी राज्यों के भ्रष्टाचार को भी दिखाना चाहिए।
शनिवार को कांग्रेस पार्टी अपना 128वां स्थापना दिवस मना रही थी। मगर पार्टी मुख्यालय में नेताओं और सेवा दल के कुछ कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के अलावा आम आदमी कहीं नहीं दिख रहा था।
आम आदमी तो आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के मौके पर रामलीला पर मौजूद था।
आम आदमी यहां आता भी तो सुरक्षाकर्मी उसे घुसने नहीं देते। पत्रकारों का सरकारी प्रेस कार्ड देखने के बाद अंदर जाने की अनुमति थी। सामान्य प्रेस कार्ड दिखाने से अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।
आमतौर से कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया और राहुल की मौजूदगी के चलते यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।
एक तरह से कांग्रेस मुख्यालय पर आम आदमी के लिए ताला लग जाता है। कांग्रेस को लेकर माहौल अब बदलने लगा है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कार्यक्रम, सूचना का अधिकार, जनजातीय बिल समेत इस तरह की यूपीए सरकार की तमाम उपलब्धियों पर अब चर्चा बंद हो गई है।
कांग्रेस के हर समारोह, कार्यक्रमों और नेताओं के लंच डिनर में सरकार का भ्रष्टाचार का मुद्दा ही सबकी जुबान पर रहता है। मगर गलतियों और कमियों को सुधारने के बजाय एक दूसरे पर ही आरोप मढ़े जा रहे हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में सचिव दबी जुबान में टिकट बंटवारे में धांधली और गड़बड़ी का रोना रो रहे हैं। तो सरकार में छोटे मंत्री यानी राज्य मंत्री पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और यहां तक कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अनौपचारिक बातचीत में भ्रष्टाचार और महंगाई के लिए दोषी ठहरा रहे हैं। इसके अलावा मीडिया को भी आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
कई बड़े केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि मीडिया ने ही अरविंद केजरीवाल को हीरो बनाया। दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसे कांग्रेस के बड़े नेता कहते है कि मीडिया हमेशा आधा सच दिखाता है।
शनिवार को एक ओर आम आदमी पार्टी की सरकार का शानदार जश्न मन रहा था तो दूसरी तरफ कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर माहौल बिलकुल फीका था।
देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के मुख्यालय में आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदमों का असर साफ दिख रहा था। मीडिया जरूर मौजूद था। मगर सवाल कांग्रेस के स्थापना दिवस के बारे में नहीं बल्कि केंद्र और कांग्रेस की राज्य सरकारों के भ्रष्टाचार को लेकर पूछे जा रहे थे।
इन सवालों से शायद सोनिया गांधी भी असहज हो गईं और उन्होंने मीडिया को नसीहत दे दी कि उसे सिर्फ केंद्र और कांग्रेस शासित राज्यों का नहीं बल्कि गैर कांग्रेसी राज्यों के भ्रष्टाचार को भी दिखाना चाहिए।
शनिवार को कांग्रेस पार्टी अपना 128वां स्थापना दिवस मना रही थी। मगर पार्टी मुख्यालय में नेताओं और सेवा दल के कुछ कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के अलावा आम आदमी कहीं नहीं दिख रहा था।
आम आदमी तो आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के मौके पर रामलीला पर मौजूद था।
आम आदमी यहां आता भी तो सुरक्षाकर्मी उसे घुसने नहीं देते। पत्रकारों का सरकारी प्रेस कार्ड देखने के बाद अंदर जाने की अनुमति थी। सामान्य प्रेस कार्ड दिखाने से अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।
आमतौर से कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया और राहुल की मौजूदगी के चलते यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।
एक तरह से कांग्रेस मुख्यालय पर आम आदमी के लिए ताला लग जाता है। कांग्रेस को लेकर माहौल अब बदलने लगा है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कार्यक्रम, सूचना का अधिकार, जनजातीय बिल समेत इस तरह की यूपीए सरकार की तमाम उपलब्धियों पर अब चर्चा बंद हो गई है।
कांग्रेस के हर समारोह, कार्यक्रमों और नेताओं के लंच डिनर में सरकार का भ्रष्टाचार का मुद्दा ही सबकी जुबान पर रहता है। मगर गलतियों और कमियों को सुधारने के बजाय एक दूसरे पर ही आरोप मढ़े जा रहे हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में सचिव दबी जुबान में टिकट बंटवारे में धांधली और गड़बड़ी का रोना रो रहे हैं। तो सरकार में छोटे मंत्री यानी राज्य मंत्री पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और यहां तक कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अनौपचारिक बातचीत में भ्रष्टाचार और महंगाई के लिए दोषी ठहरा रहे हैं। इसके अलावा मीडिया को भी आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
कई बड़े केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि मीडिया ने ही अरविंद केजरीवाल को हीरो बनाया। दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसे कांग्रेस के बड़े नेता कहते है कि मीडिया हमेशा आधा सच दिखाता है।
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