Sunday, December 29, 2013

मिस्रः अल-अजहर यूनिवर्सिटी में आग, छात्र की मौत

fire in cairo university student dies
मिस्र में पुलिसबलों और मुस्लिम ब्रदरहुड समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़पों में एक छात्र की मौत हो गई।
राजधानी काहिरा में यूनिवर्सिटी परिसर में आगज़नी की घटनाएं भी हुई हैं।
सरकारी मीडिया ने क़ाहिरा की अल-अज़हर यूनिवर्सिटी में आग के लिए प्रदर्शनकारियों को ज़िम्मेदार बताया है। आगज़नी के कारण यूनिवर्सिटी की परिक्षाएं टाल दी गई हैं।
सुन्नी इस्लाम के मुख्य अध्ययन केंद्रों में से एक, अल-अज़हर यूनिवर्सिटी भी, मुस्लिम ब्रदरहुड समर्थक छात्रों और पुलिस के बीच संघर्ष का केंद्र बनती जा रही है।
रिपोर्टों के मुताबिक़ शनिवार दोपहर तक आग पर पूरी तरह क़ाबू पा लिया गया। आगज़नी के आरोपों में 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
मुस्लिम ब्रदरहुड का कहना है कि पुलिस झूठे आरोप लगा रही है।
जुलाई में तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सत्ता से हटाए जाने के बाद से ही मुस्लिम ब्रदरहुड के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाइयाँ की जा रही हैं। हाल ही में इस संगठन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सितंबर में मुस्लिम ब्रदरहुड की तमाम गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। पुलिस मुख्यालय पर आत्मघाती हमले के बाद बुधवार को ब्रदरहुड को चरमपंथी संगठन घोषित कर दिया गया।
सरकार का कहना है कि आत्मघाती हमले के पीछे ब्रदरहुड का हाथ है हालाँकि ब्रदरहुड ने इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है।
मिस्र की अंतरिम सरकार समर्थित सेना ब्रदरहुड के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाइयां कर रही हैं। संगठन के शीर्ष नेताओं समेत हज़ारों सदस्यों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और कई के ख़िलाफ़ मुक़दमे चलाए जा रहे हैं।
गुरुवार को क़ाहिरा में एक बस पर हुए बम हमले के बाद भी ब्रदरहुड के सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री गिरफ़्तार
शुक्रवार को क़ाहिरा, दक्षिणी मिनया और नील डेल्टा इलाक़ों में पुलिस और मुस्लिम ब्रदरहुड समर्थकों के बीच हुई हिंसा में तीन लोग मारे गए थे।
मिस्र के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को तीन जुलाई को सत्ता से हटा दिया गया था। मोर्सी के ख़िलाफ़ भी व्यापक प्रदर्शन हुए थे।
सत्ता से बेदख़ल किए गए मोर्सी के ख़िलाफ़ भी कई मुक़दमे चल रहे हैं। उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं।
इसी हफ़्ते मिस्र की पुलिस ने हिशाम कांदिल को भी गिरफ़्तार किया था। कांदिल 1954 के बाद से देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। वे अगस्त 2012 में मिस्र के प्रधानमंत्री बने थे।
अधिकारियों के मुताबिक़ उन्हें सूडान भागने की कोशिशें करने के दौरान देश के पहाड़ी इलाक़े से गिरफ़्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार वे तस्करों की मदद से देश छोड़कर भाग रहे थे।

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