उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने कहा है कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा करना राज्य और सरकारों की जिम्मेदारी है। अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुरक्षा लेने से मना कर दिया है तो उससे खर्च कम नहीं हुआ है बल्कि और बढ़ जाएगा।
क्योंकि जो पुलिस कर्मी सुरक्षा लेने की स्थिति में वर्दी में उनके साथ होते वो अब सादे कपड़ों में उनके ईदगिर्द होंगे। अगर सुरक्षा कर्मी वर्दी में होते तो कम सुरक्षा में भी काम चल जाता।
आजम खां ने कहा कि केजरीवाल मेट्रो में सफर करके रामलीला मैदान तक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने गए, इससे महात्मा गांधी की याद आ गई।
महात्मा गांधी भी ट्रेन के थर्ड क्लास के डब्बे में चलते थे, लेकिन बापू का सफर हवाई जहाज से भी महंगा होता था। क्योंकि उनके डब्बे में सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम होता था, यह उनके जीवन व देश के लिए जरूरी भी था।
हमें यह भी तो ख्याल रखना चाहिए कि हम जो कदम उठा रहे हैं उसका परिणाम क्या होगा? क्योंकि अगर देश बदलना है तो हमें अपने आपको को मैट्रो तक सीमित नहीं रखना होगा।
उन क्षेत्र व प्रदेशों का क्या होगा, जहां मैट्रो नहीं है। बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्ट्राचार ऐसे कोढ़ हैं, जिनका इलाज होना चाहिए। शुरूआत तो होनी चाहिए। हम इस बात को तीन दशकों से कह रहे हैं।
क्योंकि जो पुलिस कर्मी सुरक्षा लेने की स्थिति में वर्दी में उनके साथ होते वो अब सादे कपड़ों में उनके ईदगिर्द होंगे। अगर सुरक्षा कर्मी वर्दी में होते तो कम सुरक्षा में भी काम चल जाता।
आजम खां ने कहा कि केजरीवाल मेट्रो में सफर करके रामलीला मैदान तक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने गए, इससे महात्मा गांधी की याद आ गई।
महात्मा गांधी भी ट्रेन के थर्ड क्लास के डब्बे में चलते थे, लेकिन बापू का सफर हवाई जहाज से भी महंगा होता था। क्योंकि उनके डब्बे में सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम होता था, यह उनके जीवन व देश के लिए जरूरी भी था।
हमें यह भी तो ख्याल रखना चाहिए कि हम जो कदम उठा रहे हैं उसका परिणाम क्या होगा? क्योंकि अगर देश बदलना है तो हमें अपने आपको को मैट्रो तक सीमित नहीं रखना होगा।
उन क्षेत्र व प्रदेशों का क्या होगा, जहां मैट्रो नहीं है। बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्ट्राचार ऐसे कोढ़ हैं, जिनका इलाज होना चाहिए। शुरूआत तो होनी चाहिए। हम इस बात को तीन दशकों से कह रहे हैं।
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