
धुरंधर लड़ाकू पायलट रहे एयर मार्शल अरूप राहा ने मंगलवार को वायुसेना की कमान संभाल ली।
1974 में वायुसेना में कमीशन पाने वाले राहा ने एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन की जगह ली है। 59 वर्षीय राहा अगले तीन साल तक एयर स्टाफ के प्रमुख के पद पर रहेंगे।
राहा को वायुसेना प्रमुख का पद ग्रहण करते ही वायुसेना की दूरगामी योजना में देशी कंपनियों के साथ विदेशी कंपनियों से खरीद के संवेदनशील मामले से दो चार होना पड़ेगा।
फिलहाल वायुसेना ट्रेनर जहाज के मामले में सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) और कुछ विदेशी कंपनियों की बीच फैसले की जटिल प्रक्रिया में है। साथ ही फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 126 रफेल लड़ाकू विमान की खरीदारी की बातचीत चल रही है।
राहा सेंट्रल और पश्चिमी एयर कमान की अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अपने 39 साल के कैरियर के दौरान सामरिक नाभिकीय मामलों में भी उन्हें खासा तजुर्बा हासिल किया है।
राहा वायुसेना की सामरिक और ट्रेनिंग संबंधी अतिमहत्वपूर्ण संस्थाओं में भी अपना योगदान दे चुके हैं। यह यूक्रेन के भारतीय दूतावास में एयर अटैची के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
गौरतलब है कि सेना के उपकरणों और हथियारों के लेनदेन में यूक्रेन भारत का पुराना और भरोसेमंद साझेदार है।
1974 में वायुसेना में कमीशन पाने वाले राहा ने एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन की जगह ली है। 59 वर्षीय राहा अगले तीन साल तक एयर स्टाफ के प्रमुख के पद पर रहेंगे।
राहा को वायुसेना प्रमुख का पद ग्रहण करते ही वायुसेना की दूरगामी योजना में देशी कंपनियों के साथ विदेशी कंपनियों से खरीद के संवेदनशील मामले से दो चार होना पड़ेगा।
फिलहाल वायुसेना ट्रेनर जहाज के मामले में सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) और कुछ विदेशी कंपनियों की बीच फैसले की जटिल प्रक्रिया में है। साथ ही फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 126 रफेल लड़ाकू विमान की खरीदारी की बातचीत चल रही है।
राहा सेंट्रल और पश्चिमी एयर कमान की अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अपने 39 साल के कैरियर के दौरान सामरिक नाभिकीय मामलों में भी उन्हें खासा तजुर्बा हासिल किया है।
राहा वायुसेना की सामरिक और ट्रेनिंग संबंधी अतिमहत्वपूर्ण संस्थाओं में भी अपना योगदान दे चुके हैं। यह यूक्रेन के भारतीय दूतावास में एयर अटैची के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
गौरतलब है कि सेना के उपकरणों और हथियारों के लेनदेन में यूक्रेन भारत का पुराना और भरोसेमंद साझेदार है।
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