
रिश्वत के आरोपों पर अगस्तावेस्टलैंड के अधिकारियों की सफाई को नाकाफी पाते हुए भारत ने बुधवार को 3,600 करोड़ रुपए की वीवीआईपी चॉपर डील रद्द करने का फैसला किया।
इतालवी कंपनी फिनमेकेनिका की ब्रिटिश इकाई अगस्तावेस्टलैंड से हुई डील को खारिज करने के साथ ही युनाइटेड टेक्नोलॉजीज कॉर्प की सिर्कोस्की एयरक्राफ्ट, ईएडीएस की यूरोकॉप्टर और लॉकहीड मार्टिन जैसी दूसरी चॉपर कंपनियों के सामने नए कॉन्ट्रैक्ट के दरवाजे खुल गए हैं।
शीर्ष नेताओं के इस्तेमाल के लिए 12 एडब्ल्यू101 विमान खरीदने को लेकर अगस्ता वेस्टलैंड के साथ एक सौदा हुआ था, लेकिन बीते साल फरवरी में इस डील पर उस वक्त टेढ़ी निगाह पड़ी, जब इतालवी पुलिस ने डील के लिए 360 करोड़ की रिश्वत देने के आरोप में फिनमेकेनिकला के चीफ एग्जिक्यूटिव को गिरफ्तार किया।
इसके बाद भारत सरकार ने 3,600 करोड़ की डील से जुड़े भुगतान को फ्रीज कर दिया। इस मामले में वायु सेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी भी घेरे में आए।
अक्टूबर में रक्षा मंत्री ने अगस्तावेस्टलैंड को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें पूछा गया था कि यह डील क्यों न रद्द कर दी जाए। कंपनी को जवाब देने के लिए 26 नवंबर तक का वक्त दिया गया था।
रक्षा मंत्री ए के एंटनी इस बात पर कायम रहे कि कंपनी ने घूस देकर अनुबंध का उल्लंघन किया है और इसलिए डील रद्द कर दी जानी चाहिए। हालांकि, कंपनी ने अपने जवाब में इस बात से इनकार किया।
डील रद्द होने से जुड़ी आशंका के चलते अगस्तावेस्टलैंड ने कॉन्ट्रैक्ट के आर्बिट्रेशन प्रावधान को शामिल करने की कोशिश की थी। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने कंपनी की इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इतालवी कंपनी फिनमेकेनिका की ब्रिटिश इकाई अगस्तावेस्टलैंड से हुई डील को खारिज करने के साथ ही युनाइटेड टेक्नोलॉजीज कॉर्प की सिर्कोस्की एयरक्राफ्ट, ईएडीएस की यूरोकॉप्टर और लॉकहीड मार्टिन जैसी दूसरी चॉपर कंपनियों के सामने नए कॉन्ट्रैक्ट के दरवाजे खुल गए हैं।
शीर्ष नेताओं के इस्तेमाल के लिए 12 एडब्ल्यू101 विमान खरीदने को लेकर अगस्ता वेस्टलैंड के साथ एक सौदा हुआ था, लेकिन बीते साल फरवरी में इस डील पर उस वक्त टेढ़ी निगाह पड़ी, जब इतालवी पुलिस ने डील के लिए 360 करोड़ की रिश्वत देने के आरोप में फिनमेकेनिकला के चीफ एग्जिक्यूटिव को गिरफ्तार किया।
इसके बाद भारत सरकार ने 3,600 करोड़ की डील से जुड़े भुगतान को फ्रीज कर दिया। इस मामले में वायु सेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी भी घेरे में आए।
अक्टूबर में रक्षा मंत्री ने अगस्तावेस्टलैंड को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें पूछा गया था कि यह डील क्यों न रद्द कर दी जाए। कंपनी को जवाब देने के लिए 26 नवंबर तक का वक्त दिया गया था।
रक्षा मंत्री ए के एंटनी इस बात पर कायम रहे कि कंपनी ने घूस देकर अनुबंध का उल्लंघन किया है और इसलिए डील रद्द कर दी जानी चाहिए। हालांकि, कंपनी ने अपने जवाब में इस बात से इनकार किया।
डील रद्द होने से जुड़ी आशंका के चलते अगस्तावेस्टलैंड ने कॉन्ट्रैक्ट के आर्बिट्रेशन प्रावधान को शामिल करने की कोशिश की थी। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने कंपनी की इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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