
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार क्षेत्र में नक्सलवादियों से हुई मुठभेड़ में बीएसएफ के जवान हरेंद्र के शहीद होने का समाचार मिलने पर उत्तर प्रदेश में बागपत के बिजरौल गांव में उनके परिवार में कोहराम मच गया।
बिजरौल गांव के विक्रम सिंह के पुत्र हरेंद्र (32) 2000 के दिसंबर में बीएसएफ में भर्ती हुए। हाल में वह झारखंड में 21वीं बटालियन में तैनात थे।
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सोमवार को उनके पिता विक्रम सिंह को उनकी बटालियन के कमांडेंट ने फोन किया और बताया कि उनका बेटा नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया है।
इसकी सूचना पर परिवार की महिलाओं में कोहराम मच गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हरेंद्र की मौत से उनकी पत्नी पारस का रोते रोते बुरा हाल था। मां संतोष भी आपा खोए हुए थी।
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शहीद के पांच वर्ष का बेटा अमन को इतना पता नहीं था कि उसके सिर से उसके पिता का साया उठ गया। हरेंद्र का भाई लोकेंद्र एसएसबी में है।
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