![केजरीवाल ने दिए बिजली कंपनियों के ऑडिट के आदेश power discoms replies to kejriwal, says issue in court](http://img.amarujala.com/2013/12/27/arvind-kejriwal-52bd5a1e36c6f_exl.jpg)
बिजली कंपनियों की दलीलों को दरकिनार करते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को उनके ऑडिट का आदेश जारी कर दिया।
इस तरह से आप सरकार ने जनता से किया अपना तीसरा वादा भी पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। कैग बृहस्पतिवार से कंपनियों के ऑडिट का काम शुरू कर देगा।
दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों से पूछा था कि क्यों न उनके हिसाब-किताब का ऑडिट करवाया जाए। इसके जवाब में तीनों कंपनियों ने अपनी असहमति जताते हुए कहा कि यह मामला फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।
कुर्सी एक, नेता दस...बड़ी नाइंसाफी है!
कंपनियों के ओर से आए इस जवाब के बाद सरकार ने बुधवार शाम को यह फैसला लिया।
कैबिनेट की बैठक में ऑडिट का फैसला लेने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया, 'हमने निजी बिजली कंपनियों के ऑडिट के आदेश दे दिए हैं। यह काम सीएजी करेगा।'
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल का आदेश बृहस्पतिवार को सीएजी के पास पहुंच जाएगा और तभी से उनका ऑडिट शुरू हो जाएगा।
केजरीवाल से कंपनियों के इंकार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कंपनियों ने कई सारी बातें कही हैं पर किसी ने ऑडिट न कराने की वजह नहीं बताई है।
केजरीवाल का तोहफाः हफ्ते की सब्जी, 15 दिन का आटा!
कोर्ट केस के बारे में उन्होंने कहा कि मामला अदालत में चल रहा है मगर इस सिलसिले में कोई स्टे ऑर्डर नहीं दिया गया है।
दिल्ली में बीएसईएस, यमुना पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) बिजली वितरण का काम करती हैं।
इन कंपनियों ने कहा है कि हाईकोर्ट में ऑडिट मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को है। अदालत के फैसले के बाद ही इस मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है।
लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब कंपनियों में आगे की रणनीति पर विचार हो रहा है।
48 घंटे में बनाए जाएंगे रैन बसेरा
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने घोषणा की है कि अगले 48 घंटों में 45 रैन बसेरे तैयार किए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही अलग-अलग इलाकों के एसडीएम को आदेश दिए गए हैं कि वह देखें कि उनके इलाकों में रैन बसेरों की स्थिति क्या है।
इस तरह से आप सरकार ने जनता से किया अपना तीसरा वादा भी पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। कैग बृहस्पतिवार से कंपनियों के ऑडिट का काम शुरू कर देगा।
दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों से पूछा था कि क्यों न उनके हिसाब-किताब का ऑडिट करवाया जाए। इसके जवाब में तीनों कंपनियों ने अपनी असहमति जताते हुए कहा कि यह मामला फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।
कुर्सी एक, नेता दस...बड़ी नाइंसाफी है!
कंपनियों के ओर से आए इस जवाब के बाद सरकार ने बुधवार शाम को यह फैसला लिया।
कैबिनेट की बैठक में ऑडिट का फैसला लेने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया, 'हमने निजी बिजली कंपनियों के ऑडिट के आदेश दे दिए हैं। यह काम सीएजी करेगा।'
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल का आदेश बृहस्पतिवार को सीएजी के पास पहुंच जाएगा और तभी से उनका ऑडिट शुरू हो जाएगा।
केजरीवाल से कंपनियों के इंकार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कंपनियों ने कई सारी बातें कही हैं पर किसी ने ऑडिट न कराने की वजह नहीं बताई है।
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कोर्ट केस के बारे में उन्होंने कहा कि मामला अदालत में चल रहा है मगर इस सिलसिले में कोई स्टे ऑर्डर नहीं दिया गया है।
दिल्ली में बीएसईएस, यमुना पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) बिजली वितरण का काम करती हैं।
इन कंपनियों ने कहा है कि हाईकोर्ट में ऑडिट मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को है। अदालत के फैसले के बाद ही इस मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है।
लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब कंपनियों में आगे की रणनीति पर विचार हो रहा है।
48 घंटे में बनाए जाएंगे रैन बसेरा
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने घोषणा की है कि अगले 48 घंटों में 45 रैन बसेरे तैयार किए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही अलग-अलग इलाकों के एसडीएम को आदेश दिए गए हैं कि वह देखें कि उनके इलाकों में रैन बसेरों की स्थिति क्या है।
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