
हवा से चलने वाली बाइक का नाम अब लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है।
इस बाइक की खासियत यह है कि पांच रुपये की हवा टंकी में भरवाकर आप आराम से 40 किलोमीटर तक का सफर कर सकते हैं।
इस बाइक को स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेंज के निदेशक डॉ. भरत राज सिंह ने तैयार किया है। इस बाइक पर दो लोग आराम से बैठकर चल सकते हैं। पर्यावरण को बचाने के मकसद से उन्होंने यह विशेष बाइक तैयार की है।
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की फरवरी, 2014 में प्रकाशित होने वाली बुक में इसका नाम आप पढ़ेंगे।
एयर-ओ बाइक तैयार करने वाले डॉ. भरत राज सिंह कहते हैं कि विकासशील देशों में अधिकतर लोग बाइक से ही चलते हैं।
अगर भारत की ही बात की जाए तो यहां वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार 13 करोड़ कुल वाहन थे। इसमें से 10 करोड़ टू व्हीलर हैं।
ऐसे में पेट्रोल के बढ़ते दाम और पर्यावरण के असंतुलन की गहरी होती खाई के बीच यह बाइक काफी सफल है। इसे तैयार करने में करीब 84 हजार रुपये का खर्चा आता है और इसका पेटेंट डॉ. सिंह पहले ही करवा चुके हैं।
वह कहते हैं कि इस बाइक की टंकी में वाहनों के टायर में भरी जाने वाली हवा करीब 350 पौंड भरवाएं, जिसका खर्च केवल पांच रुपये आता है और आप आराम से 40 किलोमीटर तक इसे चला सकते हैं।
वह कहते हैं कि इस बाइक से अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तय की जा सकती है। इसका इंजन काफी छोटा है और यह बाइक हवा के प्रेशर के फॉर्मूले पर फर्राटा भरती है।
डॉ. सिंह दावा करते हैं कि इससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम हो सकता है। वह इस पर वर्ष 2006 से काम कर रहे थे और इसे फाइनल रूप से लांच वर्ष 2012 में किया गया।
इससे पहले बीबीएयू में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बीते साल लगी एग्जीबिशन में इस बाइक की काफी तारीफ की थी।
इस बाइक की खासियत यह है कि पांच रुपये की हवा टंकी में भरवाकर आप आराम से 40 किलोमीटर तक का सफर कर सकते हैं।
इस बाइक को स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेंज के निदेशक डॉ. भरत राज सिंह ने तैयार किया है। इस बाइक पर दो लोग आराम से बैठकर चल सकते हैं। पर्यावरण को बचाने के मकसद से उन्होंने यह विशेष बाइक तैयार की है।
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की फरवरी, 2014 में प्रकाशित होने वाली बुक में इसका नाम आप पढ़ेंगे।
एयर-ओ बाइक तैयार करने वाले डॉ. भरत राज सिंह कहते हैं कि विकासशील देशों में अधिकतर लोग बाइक से ही चलते हैं।
अगर भारत की ही बात की जाए तो यहां वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार 13 करोड़ कुल वाहन थे। इसमें से 10 करोड़ टू व्हीलर हैं।
ऐसे में पेट्रोल के बढ़ते दाम और पर्यावरण के असंतुलन की गहरी होती खाई के बीच यह बाइक काफी सफल है। इसे तैयार करने में करीब 84 हजार रुपये का खर्चा आता है और इसका पेटेंट डॉ. सिंह पहले ही करवा चुके हैं।
वह कहते हैं कि इस बाइक की टंकी में वाहनों के टायर में भरी जाने वाली हवा करीब 350 पौंड भरवाएं, जिसका खर्च केवल पांच रुपये आता है और आप आराम से 40 किलोमीटर तक इसे चला सकते हैं।
वह कहते हैं कि इस बाइक से अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तय की जा सकती है। इसका इंजन काफी छोटा है और यह बाइक हवा के प्रेशर के फॉर्मूले पर फर्राटा भरती है।
डॉ. सिंह दावा करते हैं कि इससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम हो सकता है। वह इस पर वर्ष 2006 से काम कर रहे थे और इसे फाइनल रूप से लांच वर्ष 2012 में किया गया।
इससे पहले बीबीएयू में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बीते साल लगी एग्जीबिशन में इस बाइक की काफी तारीफ की थी।
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