Sunday, January 5, 2014

घर में दुकान, तो देना होगा छह गुना टैक्स

6 times house tax on business from house
दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को राहत पर राहत दे रही है, वहीं उत्तर प्रदेश में लोगों पर महंगाई का भार डाला जा रही है।

प्रदेश में पांच वर्षों से चल रही कवायद के बाद व्यावसायिक भवनों से श्रेणीकरण के आधार पर हाउस टैक्स वसूली की व्यवस्था अंतत: लागू कर दी गई है।

प्रदेश के 13 नगर निगमों में घर का व्यावसायिक इस्तेमाल करने वालों को अब हाउस टैक्स की तुलना में दो से छह गुना तक अधिक जेब ढीली करनी होगी।

घरों में मोबाइल टावर या फिर अन्य किसी प्रकार का टावर लगाने वालों को चार गुना अधिक हाउस टैक्स भरना होगा।

इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम (संपत्ति कर) (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2013 जारी कर दी गई है। विशेष सचिव नगर विकास श्रीप्रकाश सिंह ने इस संबंध में सभी नगर आयुक्तों को निर्देश भी भेज दिए हैं।

हालांकि, यह नियमावली इतनी चोरी-छिपे जारी की गई है कि इसकी जानकारी केवल नगर आयुक्तों को ही दी गई है।

उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय 13 नगर निगम लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, इलाहाबाद, कानपुर, झांसी, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, बरेली, गोरखपुर, वाराणसी व सहारनपुर हैं।

नगर निगमों में मौजूदा समय मकानों से आवासीय और व्यावसायिक व कार्यालयों से अनावासीय हाउस टैक्स लेने की व्यवस्था लागू थी।

प्रदेश में वर्ष 2009 से व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से श्रेणीकरण के आधार पर हाउस टैक्स वसूली की कवायद चल रही थी।

विगत महीने कैबिनेट की बैठक में इस नियमावली को रखा गया था, जिस पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास विभाग ने नियमावली जारी कर दी है। अब इसके आधार पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से हाउस टैक्स की वसूली की जाएगी।

जहां श्रेणीकरण के आधार पर टैक्स वसूली की जाएगी, वहीं वर्षा जल संचयन या भूगर्भ जल संचयन प्रणाली स्थापित करने वाले या 40 फीसदी क्षेत्र में वृक्षारोपण कराने वालों को वार्षिक मूल्य में दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

यही नहीं, किराएदार रखने वालों को भी इसकी सूचना नगर निगमों को देनी होगी।

मकानों में यदि 25 प्रतिशत क्षेत्रफल से अधिक बढ़ोतरी होती है या पुन: निर्माण कराया जाता है, तो संशोधित हाउस टैक्स भरना होगा।

No comments:

Post a Comment