
राजकीय माध्यमिक इंटर कॉलेजों में कक्षा 9 से 12 तक के नि:शक्त बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय ने वापस कर दिया है।
सचिव मुख्यमंत्री ने आपत्ति लगाते हुए पूछा है कि 5280 शिक्षकों की भर्ती की जानी है, लेकिन प्रस्ताव 2486 का किया गया है।
इसी तरह पूछा गया है कि इनका मानदेय कितना होगा और यह कहां से आएगा। यही नहीं भर्ती प्रक्रिया को भी स्पष्ट करने को कहा गया है।
दरअसल केंद्र सरकार समेकित शिक्षा योजना के तहत नि:शक्त बच्चों की पढ़ाई के लिए इंटर कॉलेजों में विशेष शिक्षकों को रखना चाहती है।
इसके लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगा गया था। उत्तर प्रदेश ने भी 5280 विशेष शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। केंद्र ने इन पदों को भरने की मंजूरी दे दी है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके आधार पर ही शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इसमें सिर्फ 2486 शिक्षकों की भर्ती की अनुमति मांगी गई थी।
इसमें यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया क्या होगी, उनका मानदेय कितना होगा और कार्यदायी संस्था के माध्यम से चयनित किया जाएगा या फिर कोई और प्रक्रिया होगी। इसके चलते यह प्रस्ताव वापस कर दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय अब इन खामियों को दूर करते हुए पुन: शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है, ताकि जुलाई में नया सत्र शुरू होने से पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी की जा सके।
सचिव मुख्यमंत्री ने आपत्ति लगाते हुए पूछा है कि 5280 शिक्षकों की भर्ती की जानी है, लेकिन प्रस्ताव 2486 का किया गया है।
इसी तरह पूछा गया है कि इनका मानदेय कितना होगा और यह कहां से आएगा। यही नहीं भर्ती प्रक्रिया को भी स्पष्ट करने को कहा गया है।
दरअसल केंद्र सरकार समेकित शिक्षा योजना के तहत नि:शक्त बच्चों की पढ़ाई के लिए इंटर कॉलेजों में विशेष शिक्षकों को रखना चाहती है।
इसके लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगा गया था। उत्तर प्रदेश ने भी 5280 विशेष शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। केंद्र ने इन पदों को भरने की मंजूरी दे दी है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके आधार पर ही शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इसमें सिर्फ 2486 शिक्षकों की भर्ती की अनुमति मांगी गई थी।
इसमें यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया क्या होगी, उनका मानदेय कितना होगा और कार्यदायी संस्था के माध्यम से चयनित किया जाएगा या फिर कोई और प्रक्रिया होगी। इसके चलते यह प्रस्ताव वापस कर दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय अब इन खामियों को दूर करते हुए पुन: शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है, ताकि जुलाई में नया सत्र शुरू होने से पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी की जा सके।
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