Tuesday, February 4, 2014

सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में छूट की उम्मीद

service tax and excise duty may  reduce
चुनाव से पहले सरकार सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में छूट देकर मास्टर स्ट्रोक लगा सकती है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अंतरिम बजट में सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में कुछ राहत देने के संकेत दिए हैं। यह लेखानुदान बजट 17 फरवरी को पेश होगा।

इसमें सरकार अपनी उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ लुभावनी घोषणाएं कर सकती है। हालांकि राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से सरकार कई अहम आर्थिक विधेयकों को ठंडे बस्ते में डाल सकती है।

संसद के आगामी सत्र को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि लेखानुदान बजट लोकसभा में 17 फरवरी को पेश किया जाएगा। इसमें उनका भाषण 12 से 18 पन्नों का होगा, लेकिन वह इस पर चर्चा कराना चाहते हैं।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी की दरों में आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि, अंतरिम बजट में इनकम टैक्स, सर्विस टैक्स और उत्पाद शुल्क संबंधी कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव नहीं रखा जा सकता। हालांकि ऐसे बदलाव किए जा सकते हैं जिनके लिए कानून में संशोधन की जरूरत न हो। चिदंबरम के मुताबिक लेखानुदान में भविष्य को लेकर सरकार का विजन सामने रखा जाएगा।

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि राजनैतिक सहमति न होने से जीएसटी, डीटीसी और बीमा विधेयक जैसे कई अहम आर्थिक विधेयकों पर संसद के इस सत्र में चर्चा नहीं होगी। सरकार का जोर ऐसे विधेयकों को पास कराने पर है, जिन पर राजनैतिक सहमति बन चुकी है। गौरतलब है कि 15वीं लोकसभा का यह आखिर सत्र होगा, जिसके बाद कई लंबित विधेयकों को नए सिरे से संसद में पेश करना होगा।

18 पन्नों से कम होगा अंतरिम बजट भाषण
वित्त मंत्री ने बताया कि 17 फरवरी को अंतरिम बजट के लिए उनका भाषण काफी संक्षिप्त होगा। उन्होंने कहा कि 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने महज 12 पेज का और 2009 में प्रणब मुखर्जी ने 18 पेज का भाषण दिया था। ऐसे में वह भी अपना भाषण 12 से 18 पेज के बीच रखने की सोच रहे हैं।

भारत की रेटिंग सुधरने की उम्मीद
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच की टीम सोमवार को सालाना रेटिंग समीक्षा के लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मिली। इस बैठक में फिच की ओर से बैंकों के बढ़ते एनपीए (डूबते कर्ज) को लेकर कुछ चिंताएं जताई गई।

वित्त मंत्रालय ने चालू खाते घाटे की स्थिति में हुए सुधार और अर्थव्यवस्था की मजबूती के आधार पर भारत की रेटिंग में सुधार की उम्मीद जताई है। इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम भी मौजूद थे।

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