Tuesday, February 4, 2014

बाप ने बेटी को उतारा मौत के घाट, लाश गंगा में बहाई

father killed his daughter for honour
झूठे सम्मान की खातिर अपनी ही बेटी का कत्ल करने वाले पिता की हकीकत का खुलासा गुड़गांव पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में किया है।

पुलिस के मुताबिक, अपनी पसंद के लड़के से ब्याह रचाने वाली बेटी को पिता और उसके मामा ने मिलकर मार दिया और फिर सबूत मिटाने के लिए लाश गंगा में बहा दी।

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सर्वोच्च अदालत में दायर जांच की स्थिति रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि पूजा की हत्या गला दबाकर उसी के पिता और मामा ने की है। हालांकि पुलिस अब तक लाश ढूंढने में नाकाम रही है।

पुलिस ने सर्वोच्च अदालत में मृतका के पति अरुण कुमार की याचिका के जवाब में दायर स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि पूजा को गुड़गांव स्थित ससुराल से गत वर्ष 11 अगस्त को उसके पिता ले गए थे। जहां से मृतका को उसके मौसा के घर गांव खेरली ले जाया गया।

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गांव खेरली, गौतमबुद्धनगर के दनकौर थाने के तहत आता है। वहां 25 अगस्त को पूजा के पिता टीकाराम सिंह और मामा जयवीर सिंह उसे गंगा के किनारे ब्रजघाट ले गए।

वहां उन्होंने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव नदी में फेंक दिया। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने उस ऑल्टो कार को भी बरामद कर लिया है जिसमें पूजा को नदी तक ले जाया गया था।

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गुड़गांव पुलिस के संयुक्त आयुक्त विवेक शर्मा ने सर्वोच्च अदालत में पेश की गई स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि टीकाराम ने पिछले साल 20 मार्च को अपनी बेटी पूजा के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच में पाया कि पूजा ने अरुण से शादी कर ली है।

इसके बाद पुलिस ने अदालत में मुकदमा रद्द करने का आग्रह किया। मजिस्ट्रेट को दिए बयान में पूजा ने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से अरुण से विवाह किया है और वह उसी के साथ रहना चाहती है। लेकिन अगस्त में पूजा गायब हो गई और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

तब अरुण ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की। पुलिस ने पिछले साल सात नवंबर को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने मृतका के पिता और मामा को नौ नवंबर को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पूजा का शव बरामद नहीं हो सका है।

अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने शव की तलाश की पर सफलता नहीं मिली। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 17 जनवरी को गुड़गांव पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था।

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