Tuesday, February 4, 2014

दिल्ली सरकार ने कहा, शीला के खिलाफ दर्ज हो FIR

delhi govt seeks action against sheila dikshit
दिल्ली सरकार ने गलत तरीके से कॉलोनियों को नियमित करने और कथित रूप से 16 करोड़ रुपए की फिजूलखर्ची के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

सरकार ने इस बारे में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में साफ किया है कि लोकायुक्त ने रिपोर्ट में जो पाया है, वो सही है तो शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

गलत तरीके से सर्टिफिकेट देने के मामले में दिल्ली के लोकायुक्त कार्रवाई की शिकायत राष्ट्रपति से पहले ही कर चुके थे। मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि राष्ट्रपति ने वर्तमान सरकार से राय मांगी थी, उसी पर दिल्ली सरकार ने पत्र लिखा है।

उल्लेखनीय है कि 2008 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों 1218 कॉलोनियों की आरडब्ल्यूए को कॉलोनी नियमन का प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिलवाया गया।

बाद में ये खुलासा हुआ कि इनमें से तमाम कॉलोनियां नियमन करने के योग्य नहीं थीं। फिर बीजेपी नेता डॉ. हर्षवर्धन ने मामले की शिकायत लोकायुक्त से की। लोकायुक्त ने मामले में सरकार को दोषी बताया और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को सिफारिश भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जांच पड़ताल में 1018 कॉलोनियों को 24 मार्च, 2008 की शर्तों के अनुरूप नियमन योग्य घोषित किया गया। लेकिन नियमन के नए दिशा निर्देश से अंतिम सूची बनी तो संख्या घटकर 917 रह गई।

वहीं, जो आदेश पारित किया गया उसमें गिनती 895 रह गई। इन कालोनियों में भी न तो रजिस्ट्री होती है और न ही यहां एमसीडी नक्शे पास करती है।

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