
करोलबाग मेट्रो स्टेशन पर शुक्रवार शाम सीआईएसएफ के एक जवान ने ईमानदारी की मिसाल कायम की। उसने लाखों के जेवरों से भरा एक बैग उसके मालिक को वापस कर दिया।
मेट्रो स्टेशन पर तैनात एएसआई धर्मेंद्र नागर को लाखों रुपये के जेवरातों से भरा एक बैग मिला। धर्मेंद्र ने बैग को अमानत समझ कर सुरक्षित रखवा दिया।
इस बीच बैग का मालिक मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा और उसने बैग छूटने के बारे में सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मियों को सूचित किया। धर्मेंद्र की ईमानदारी से पीड़ित यात्री को उसका बैग सही सलामत मिल गया। वह सीआईएसएफ के जवान का धन्यवाद करते नहीं थक रहा।
जानकारी के मुताबिक ज्वेलरी का करोबार करने वाले गोपाल बाबू सपरिवार तिलक नगर इलाके में रहते हैं। शुक्रवार शाम वह करोलबाग स्टेशन से मेट्रो पकड़ कर तिलक नगर जा रहे थे। उसके पास बैग में उसने आठ लाख के जेवरात थे।
करोलबाग मेट्रो स्टेशन पर स्कैनर में बैग की जांच कराने के बाद वह बैग उठाकर चले गए। कुछ आगे जाने के बाद उसने अपने बैग की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि उसने गलती से किसी अन्य व्यक्ति का बैग उठा लिया है।
वह वापस करोलबाग मेट्रो स्टेशन पहुंचे और इसकी जानकारी सीआईएसएफ के जवानों को दी। सीआईएसएफ के जवानों ने उससे बैग में रखे सामान की जानकारी हासिल की और सही पाए जाने के बाद उन लोगों ने उसे बैग वापस लौटा दिया।
सीआईएसएफ के अधिकारी ने बताया कि गोपाल बाबू के जाने के बाद स्कैनर पर तैनात एएसआई धर्मेंद्र को एक बैग मिला था। जिसकी जांच करने के बाद उसने बैग को जमा कर दिया था। गोपाल बाबू ने धर्मेंद्र की ईमानदारी की सराहना की और कहा कि उनकी वजह से ही उसे अपना खोया हुआ सामान मिल गया।
मेट्रो स्टेशन पर तैनात एएसआई धर्मेंद्र नागर को लाखों रुपये के जेवरातों से भरा एक बैग मिला। धर्मेंद्र ने बैग को अमानत समझ कर सुरक्षित रखवा दिया।
इस बीच बैग का मालिक मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा और उसने बैग छूटने के बारे में सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मियों को सूचित किया। धर्मेंद्र की ईमानदारी से पीड़ित यात्री को उसका बैग सही सलामत मिल गया। वह सीआईएसएफ के जवान का धन्यवाद करते नहीं थक रहा।
जानकारी के मुताबिक ज्वेलरी का करोबार करने वाले गोपाल बाबू सपरिवार तिलक नगर इलाके में रहते हैं। शुक्रवार शाम वह करोलबाग स्टेशन से मेट्रो पकड़ कर तिलक नगर जा रहे थे। उसके पास बैग में उसने आठ लाख के जेवरात थे।
करोलबाग मेट्रो स्टेशन पर स्कैनर में बैग की जांच कराने के बाद वह बैग उठाकर चले गए। कुछ आगे जाने के बाद उसने अपने बैग की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि उसने गलती से किसी अन्य व्यक्ति का बैग उठा लिया है।
वह वापस करोलबाग मेट्रो स्टेशन पहुंचे और इसकी जानकारी सीआईएसएफ के जवानों को दी। सीआईएसएफ के जवानों ने उससे बैग में रखे सामान की जानकारी हासिल की और सही पाए जाने के बाद उन लोगों ने उसे बैग वापस लौटा दिया।
सीआईएसएफ के अधिकारी ने बताया कि गोपाल बाबू के जाने के बाद स्कैनर पर तैनात एएसआई धर्मेंद्र को एक बैग मिला था। जिसकी जांच करने के बाद उसने बैग को जमा कर दिया था। गोपाल बाबू ने धर्मेंद्र की ईमानदारी की सराहना की और कहा कि उनकी वजह से ही उसे अपना खोया हुआ सामान मिल गया।
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