![क्या है दो सीटों वाले टॉयलेट का रहस्य? mystery of two seater toilet](http://img2.amarujala.com/2014/01/26/toilet-52e50e2b3338e_exl.jpg)
शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर रहे रूस के सोची शहर का का एक अनूठा शौचालय आजकल सोशल मीडिया पर बहस की वजह बन गया है।
खास बात यह है कि इस शौचालय में दो सीटें हैं, मगर दोनों के बीच कोई पर्दा नहीं। लौरा क्रॉस काउंटी में यह शौचालय ख़ास तौर पर शीतकालीन खेलों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
बीबीसी मॉस्को संवाददाता स्टीव रोज़ेनबर्ग जब इस शौचालय में दाख़िल हुए तो उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा।
इसी हैरानी के चलते उन्होंने शौचालय से निकलते हुए इसकी तस्वीर अपने मोबाइल के कैमरे में क़ैद कर ली।
यही तस्वीर जब सोशल मीडिया पर आई, तो लोगों की प्रतिक्रियाओं की मानो बाढ़ आ गई।
रेडियो/टीवी पर चर्चा
रूसी रेडियो और टेलीविज़न पर इस तस्वीर की आजकल ख़ूब चर्चा हो रही है।
कुछ लोगों ने इस तस्वीर को देखकर इसे रूस में मौजूद भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाने शुरू कर दिए।
दूसरी तरफ़ सोची में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का हवाला देते हुए ऐसे ही किसी आम शहरी ने टिप्पणी की, ''इसी के लिए आपको 50 अरब डॉलर मिले थे?''
एक दूसरे ब्लॉगर ने लिख डाला, ''इसमें बीच में पर्दा होता था, लेकिन लोग इतने मोटे हो गए हैं कि इसे हटाना पड़ा।''
'गे-प्रोपेगेंडा'
वहीं कुछ लोगों ने इस पर चुटकी लेते हुए लिखा, ''एक सीट पुतिन के लिए है और दूसरी मेदवेदेव के लिए।''
उल्लेखनीय है कि व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं जबकि दिमित्री मेदवेदेव प्रधानमंत्री हैं।
इतना ही नहीं, किसी ब्लॉगर ने अपनी रचनात्मकता दिखाते हुए इस शौचालय की तस्वीर में पुतिन और मेदवेदेव की तस्वीर भी चिपकाकर उसे फिर से पोस्ट कर दिया।
कुछ ने इस समलैंगिकों से जोड़कर टिप्पणी कर डाली, ''सावधान, ये गे-प्रोपेगेंडा है।''
एक ब्लॉगर ने तो इसे ख़ुफिया एजेंसी से जोड़ दिया और लिखा, ''एक सीट खिलाड़ी के लिए है जबकि दूसरी केजीबी अधिकारी के लिए जो उस खिलाड़ी को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं।''
खास बात यह है कि इस शौचालय में दो सीटें हैं, मगर दोनों के बीच कोई पर्दा नहीं। लौरा क्रॉस काउंटी में यह शौचालय ख़ास तौर पर शीतकालीन खेलों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
बीबीसी मॉस्को संवाददाता स्टीव रोज़ेनबर्ग जब इस शौचालय में दाख़िल हुए तो उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा।
इसी हैरानी के चलते उन्होंने शौचालय से निकलते हुए इसकी तस्वीर अपने मोबाइल के कैमरे में क़ैद कर ली।
यही तस्वीर जब सोशल मीडिया पर आई, तो लोगों की प्रतिक्रियाओं की मानो बाढ़ आ गई।
रेडियो/टीवी पर चर्चा
रूसी रेडियो और टेलीविज़न पर इस तस्वीर की आजकल ख़ूब चर्चा हो रही है।
कुछ लोगों ने इस तस्वीर को देखकर इसे रूस में मौजूद भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाने शुरू कर दिए।
दूसरी तरफ़ सोची में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का हवाला देते हुए ऐसे ही किसी आम शहरी ने टिप्पणी की, ''इसी के लिए आपको 50 अरब डॉलर मिले थे?''
एक दूसरे ब्लॉगर ने लिख डाला, ''इसमें बीच में पर्दा होता था, लेकिन लोग इतने मोटे हो गए हैं कि इसे हटाना पड़ा।''
'गे-प्रोपेगेंडा'
वहीं कुछ लोगों ने इस पर चुटकी लेते हुए लिखा, ''एक सीट पुतिन के लिए है और दूसरी मेदवेदेव के लिए।''
उल्लेखनीय है कि व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं जबकि दिमित्री मेदवेदेव प्रधानमंत्री हैं।
इतना ही नहीं, किसी ब्लॉगर ने अपनी रचनात्मकता दिखाते हुए इस शौचालय की तस्वीर में पुतिन और मेदवेदेव की तस्वीर भी चिपकाकर उसे फिर से पोस्ट कर दिया।
कुछ ने इस समलैंगिकों से जोड़कर टिप्पणी कर डाली, ''सावधान, ये गे-प्रोपेगेंडा है।''
एक ब्लॉगर ने तो इसे ख़ुफिया एजेंसी से जोड़ दिया और लिखा, ''एक सीट खिलाड़ी के लिए है जबकि दूसरी केजीबी अधिकारी के लिए जो उस खिलाड़ी को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं।''
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