Friday, January 3, 2014

विधवा को फेसबुक ‘फ्रैंड’ बना ठग लिए 13 लाख

cyber crime in noida
पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है। जो इस गिरोह के डमी है। गिरोह के मास्टर माइंड जमशेद की तलाश की जा रही है। उसके पकड़े जाने पर कई और केस सुलझ सकते हैं

- विश्वजीत श्रीवास्तव, सर्किल अफसर सेकेंड/प्रभारी साइबर सेल

विदेशी कारोबारी बनकर फेसबुक पर दोस्ती, चौटिंग और फिर 13 लाख की ठगी। ऐसा हुआ है सेक्टर-21 में रहने वाली एक सैन्य अधिकारी की विधवा के साथ। पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की है।

पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। ठगी की साजिश रचने वाले मास्टर माइंड की तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि महिला की फेस बुक पर एक युवक से दोस्ती हुई।

चैट के दौरान युवक ने खुद को लंदन का कारोबारी बताया। युवक ने महिला से कहा कि वह इंडिया में प्रॉपर्टी में इंवेस्ट करना चाहता है। महिला ने मदद का भरोसा दिया और दोनों के बीच फोन व ईमेल से भी बातचीत हुई।

महिला ने दिल्ली में युवक से मिलने का वादा भी किया। एक दिन युवक ने महिला को मैसेज किया कि वह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया है, लेकिन कस्टम अधिकारियों ने उसे ज्यादा डॉलर होने के कारण पकड़ लिया है।

उसे बैंक क्लीयरेंस करना होगा, जिसके लिए इंडियन करेंसी की जरूरत है। महिला के पास कुछ देर बाद नम्रता नाम की युवती का फोन आया।

उसने खुद को कस्टम विभाग में बताया और कहा कि पकड़े गए युवक के पास एक लाख नब्बे हजार यूएस डॉलर हैं। इसेे क्लीयर कराने के लिए दस लाख रुपये जमा करने होंगे। उसने ही बैंक एकाउंट नंबर दिए।

महिला ने तीन किस्तों में दस लाख रुपये एकाउंट में भेज दिए। इसके बाद रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के नाम पर तीन लाख रुपये और जमा कराए। रकम जमा होने के बाद युवक गायब हो गया।

उसने न तो महिला के फोन का जवाब दिया और न ही खुद कभी चैट पर आया। ठगी का शक होने पर महिला ने युवक के भेजे गए ई-मेल व उसकी कंपनी के बारे में पड़ताल की तो सब फर्जी निकला।

थाना सेक्टर-20 पुलिस ने साइबर सेल की मदद से बरेली निवासी रियासत, बदायूं निवासी अकबर, इसरार व मिर्जापुर निवासी रामछबिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। इनके खाते में ही रुपए ट्रांसफर किए गए थे।

युवकों ने बताया कि उन्हें लालच दिया गया था। इनको कहा गया कि इनकम टैक्स के चलते बड़े लोग खाते में कुछ रकम डालकर कुछ दिन बाद निकाल लेंगे। इसके लिए उन्हें रकम का कुछ हिस्सा मिलेगा।

ठगी का नेटवर्क
पुलिस का दावा है कि� आरोपियों का पूरा नेटवर्क है। जिसमें पढ़े-लिखे युवक-युवतियां शामिल हैं, जो अंग्रेजी और विदेशी भाषाएं फर्राटे से बोलते हैं। फेस बुक, ट्विटर व सोशल साइट पर शिकार ढूंढते हैं और फिर दोस्ती या शादी का झांसा देकर पैसे ऐंठते हैं।

माइस्टर माइंड जमेशद की तलाश

ठगी के इस नेटवर्क का मास्टर माइंड बदायूं निवासी मोहम्मद जमशेद उर्फ राशिद है। जिसने कुछ साल पहले सेक्टर-18 में एक आफिस खोला था।

जमशेद ने सेक्टर-21 में रहने वाली महिला से फेसबुक पर प्रिंस एवलिस लूकस केनाम से दोस्ती की। कई दिनों तक महिला का विश्वास जीतने के बाद उसने महिला को ठग लिया।

पुलिस के मुताबिक जमशेद ठगी की रकम जमा करवाने के लिए जिन एकाउंट्स का इस्तेमाल करता है, उन्हें भी वह फर्जी ढंग से खुलवाता है। इसके लिए उसके पास टीम है, जो क्रेडिट और एटीएम कार्ड बनाती है।

लोगों को लाख रुपए तक का लालच देकर खाता खुलवाने के लिए राजी किया जाता है। पुलिस गिरफ्त में आया रामछबीन क्रेडिट व डेबिट कार्ड बनाने का काम करता था। बाकी आरोपियों के खातों में ठगी की रकम जमा होती थी।

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