![जेटली की सलाह, 'आप' से सीखे बीजेपी! delhi poll results cause for introspection and aap is challenge says jaitley](http://img.amarujala.com/2013/09/27/arun-jaitley-bjp-himachal-pradesh-election-52458c38e3796_exl.jpg)
दिल्ली में एक ओर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार विश्वास मत हासिल कर रही थी, तो दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पार्टी को आत्म निरीक्षण की सलाह दे रहे थे।
जेटली ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में सीटों के हिसाब से भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में जरूर उभरी लेकिन पार्टी को राजधानी में खुद की विश्वसनीयता मजबूत बनाने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।
पढ़ें, हंगामे के बीच 'आप' ने हासिल किया विश्वासमत
दिल्ली के चुनाव में सामने रखी 'भोजन से भरी थाली' छीन लिए जाने से आहत भाजपा अब 'आप' को गंभीर चुनौती मानने लगी है। पार्टी नेता मानते हैं कि यदि दिल्ली की चुनावी जंग में अरविंद केजरीवाल नहीं होते तो आज भाजपा राज कर रही होती।
इसलिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व और उम्मीदवारों को भी खुद को जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने के अनुरूप बनाना चाहिए।
पार्टी को सचेत करते हुए जेटली ने कहा कि अब मतदाताओं का नया वर्ग सामने आ चुका है, जो राजनीति से लेकर सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोगों और शासन की गुणवत्ता पर बहुत कठोरता से अपना फैसला देने जा रहा है।
जेटली ने कहा कि दिल्ली में मतदाताओं के इस नए वर्ग का आम आदमी पार्टी को बड़ी संख्या में वोट देना परंपरागत राजनीति के खिलाफ खामोश विरोध जताना था।
दिल्ली में कांग्रेस सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी थी, दिल्ली भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का मुख्य केन्द्र बनी थी। इसी कारण कांग्रेस चुनाव में हार गई।
सामान्य हालात में इस चुनाव में भाजपा को भारी जीत दर्ज करनी चाहिए थी। लेकिन मतदाताओं का एक वर्ग नए विकल्प को आजमाने के विचार से प्रभावित हुआ।
जेटली ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में सीटों के हिसाब से भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में जरूर उभरी लेकिन पार्टी को राजधानी में खुद की विश्वसनीयता मजबूत बनाने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।
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दिल्ली के चुनाव में सामने रखी 'भोजन से भरी थाली' छीन लिए जाने से आहत भाजपा अब 'आप' को गंभीर चुनौती मानने लगी है। पार्टी नेता मानते हैं कि यदि दिल्ली की चुनावी जंग में अरविंद केजरीवाल नहीं होते तो आज भाजपा राज कर रही होती।
इसलिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व और उम्मीदवारों को भी खुद को जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने के अनुरूप बनाना चाहिए।
पार्टी को सचेत करते हुए जेटली ने कहा कि अब मतदाताओं का नया वर्ग सामने आ चुका है, जो राजनीति से लेकर सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोगों और शासन की गुणवत्ता पर बहुत कठोरता से अपना फैसला देने जा रहा है।
जेटली ने कहा कि दिल्ली में मतदाताओं के इस नए वर्ग का आम आदमी पार्टी को बड़ी संख्या में वोट देना परंपरागत राजनीति के खिलाफ खामोश विरोध जताना था।
दिल्ली में कांग्रेस सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी थी, दिल्ली भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का मुख्य केन्द्र बनी थी। इसी कारण कांग्रेस चुनाव में हार गई।
सामान्य हालात में इस चुनाव में भाजपा को भारी जीत दर्ज करनी चाहिए थी। लेकिन मतदाताओं का एक वर्ग नए विकल्प को आजमाने के विचार से प्रभावित हुआ।
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