Friday, January 3, 2014

'कुछ कांग्रेसी कर रहे हैं मेरे खिलाफ षड्यंत्र'

virbhadra singh statement on corruption charges
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि वह जांच शुरू होने पर नहीं, बल्कि आरोप साबित होने पर ही पद छोड़ेंगे।

उन पर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। निराधार आरोप लगाने वालों को भी इसकी कीमत चुकानी होगी। गुरुवार को वह मनाली प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के इस षड्यंत्र में कांग्रेस के भी कुछ लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यदि उन पर कोई जांच बैठती भी है तो भी पद से त्याग पत्र नहीं देंगे। आरोप सिद्ध होने पर एक घंटे के भीतर पद छोड़ देंगे।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह खुद भी मामले की जांच करवाएंगे। और यदि भाजपा के लोगों ने सीमा लांघी तो मानहानि का दावा करेंगे।

कांग्रेस चार्जशीट के आधार पर चल रहे मामलों के चालान भी एक सप्ताह के भीतर दायर करेंगे। ऊना में उन्होंने कहा कि वह भाजपा सरकार के काले कारनामों को सामने लाने के लिए अडिग हैं।

प्रदेश सरकार पूर्व सरकार के सभी घोटालों और भू सौदों को सामने लाने के लिए जल्द एक श्वेत पत्र लाएगी।

लोन तब लिया, जब न मंत्री था न मुख्यमंत्री
वीरभद्र सिंह ने कहा कि जब उनके परिवार ने लोन लिया था, उस समय न वह केंद्रीय मंत्री थे और न ही प्रदेश के मुख्यमंत्री। किसी कंपनी में शेयर खरीदना कोई गुनाह नहीं है।

वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली का सम्मान करते हैं। जेटली बहुत बड़े वकील हैं, पर न जाने क्यों अनुराग ठाकुर का साथ दे रहे हैं?

सात को फिर दिल्ली जाएंगे वीरभद्र

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 7 जनवरी को फिर दिल्ली जाएंगे। वह सीईसी अध्यक्ष की अध्यक्षता में होने वाली लोकसभा चुनाव टिकट वितरण संबंधी बैठक में शामिल होंगे।

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