
अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर की अनुमति दे दी है। शीला दीक्षित के खिलाफ यह एफआईआर 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर दिया गया है।
केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के एंटी-करप्शन ब्यूरो को यह निर्देश दिया कि वह पूर्व म़ुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर कराए और इसकी जांच करे। यह एफआईआर राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान स्ट्रीट लाइटिंग की खरीदारी को लेकर होगा, जिसे असल कीमत से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा गया था।
दिल्ली चुनाव से पहले भ्रष्टाचार का समूल नाश करने का वादा करने वाले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह वादा दोहराया था।
3 फरवरी को आम आदमी पार्टी की सरकार ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक चिट्ठी लिखकर शीला दीक्षित के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि राष्ट्रपति को लिखे चिट्ठी में उन्होंने 2008 में अवैध कालोनियों पर जांच करने की अनुमति मांगी थी।
दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने कहा कि हम पूरी तरीके से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए तैयार हैं। हमारी पार्टी राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान हुए सभी भ्रष्टाचार की जांच करेगी।
कैग और शूंगलू कमेटी की रिपोर्ट से सामने आया था कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान स्ट्रीट लाइटिंग लगाने में दिल्ली सरकार को 31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। दिल्ली सरकार ने यह सभी लाइटें इसके वास्तविक कीमत से कहीं ज्यादा में खरीदी गई थी।
केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के एंटी-करप्शन ब्यूरो को यह निर्देश दिया कि वह पूर्व म़ुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर कराए और इसकी जांच करे। यह एफआईआर राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान स्ट्रीट लाइटिंग की खरीदारी को लेकर होगा, जिसे असल कीमत से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा गया था।
दिल्ली चुनाव से पहले भ्रष्टाचार का समूल नाश करने का वादा करने वाले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह वादा दोहराया था।
3 फरवरी को आम आदमी पार्टी की सरकार ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक चिट्ठी लिखकर शीला दीक्षित के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि राष्ट्रपति को लिखे चिट्ठी में उन्होंने 2008 में अवैध कालोनियों पर जांच करने की अनुमति मांगी थी।
दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने कहा कि हम पूरी तरीके से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए तैयार हैं। हमारी पार्टी राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान हुए सभी भ्रष्टाचार की जांच करेगी।
कैग और शूंगलू कमेटी की रिपोर्ट से सामने आया था कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान स्ट्रीट लाइटिंग लगाने में दिल्ली सरकार को 31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। दिल्ली सरकार ने यह सभी लाइटें इसके वास्तविक कीमत से कहीं ज्यादा में खरीदी गई थी।
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