Thursday, February 6, 2014

मोदी पीएम बने तो चार महीने में ही गिरेगी सपा सरकार

amit shah took meeting with party members in lucknow
भाजपा ने सपा सरकार से उपजी नाराजगी को वोट में बदलने की रणनीति बनाई है।

चुनावी तैयारियों की समीक्षा और कार्ययोजना के लिए बुधवार को यहां बुलाई गई बैठक में लोगों को इस बारे में समझाने की योजना बनी।

तय किया गया कि लोगों को बताया जाए कि मोदी प्रधानमंत्री बने तो यूपी में सपा सरकार चार महीने में गिर जाएगी। बैठक में भाजपा के बड़े नेताओं व पदाधिकारियों को टिकटों की होड़ से बाहर रहने की हिदायत भी दी गई।

कहा गया कि जो लोग उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया का हिस्सा हैं, उनका अपनी उम्मीदवारी का दावा करना ठीक नहीं है। पार्टी खुद फैसला करेगी कि किसे चुनाव लड़ाना है और किसे नहीं?

बैठक में बूथ कमेटियों की असलियत जान कर नेताओं को पसीना छूट गया। जिलों की बैठकों में सामने आई हकीकत को आधार बनाकर कहा गया कि दावे के मुताबिक, जमीन पर काम नहीं हुआ है।

यह स्थिति मोदी की हवा बिगाड़ सकती है। बैठक में मौजूद राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) रामलाल ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारी मोदी की लखनऊ में 2 मार्च को आयोजित महारैली में हर बूथ से कम से कम 10 लोगों को लाने की योजना बनाएं। रैली में आने वालों की बूथवार सूची बनाई जाए ताकि बूथों का काम सामने आ सके।

बैठक शुरू हुई तो जिलों से आए लोगों ने टिकटों की होड़ और इससे होने वाली कठिनाइयों की बात कही। कुछ संगठन मंत्रियों ने भी इसका समर्थन किया।

कहा, तमाम नेताओं और प्रदेश पदाधिकारियों के टिकटों की होड़ में कूद पड़ने से काफी कठिनाई हो रही है। साथ ही संदेश भी गलत जा रहा है। यह बात भी उठी कि नेता सिर्फ अपने टिकट की दावेदारी नहीं कर रहे हैं बल्कि कई सीटों के दावेदारों की पैरवी भी कर रहे हैं।

कुछ लोगों ने फिर इस पर आपत्ति की कि बड़े पैमाने पर दूसरे दलों के लोगों को पार्टी में शामिल करके टिकट देने का संदेश दिया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। कई जगह कार्यकर्ता सवाल उठाते हैं कि क्या वे सिर्फ संघर्ष करने के लिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेताओं ने जिलों से आए पदाधिकारियों से कहा कि वे जनता को समझाएं कि यह चुनाव सिर्फ लोकसभा के लिए नहीं हो रहा है।

इसके नतीजे प्रदेश पर कई तरह के प्रभाव डालेंगे। लोगों को बताया जाए कि मोदी सत्ता में आए तो चार महीने में अखिलेश सरकार विदा हो जाएगी। विधानसभा के नए चुनाव होंगे।

सम्मेलनों में आएंगे बड़े नेता
प्रदेश प्रवक्ता विजय पाठक ने बताया कि 15 फरवरी से 15 मार्च तक जिलों में आयोजित सामाजिक न्याय मोर्चा के सम्मेलनों में भाजपा की तरफ से अति पिछड़ों की अनदेखी पर सवाल उठाए जाएंगे।

साथ ही पिछड़ों को तथ्य देकर यह समझाया जाएगा कि उनकी असली हितैषी भाजपा ही है। जिलों में अन्य कई सम्मेलन भी होंगे। प्रबुद्ध लोगों को पार्टी से जोड़ने को भी सम्मेलन किए जाएंगे। लखनऊ में 11 फरवरी को आयोजित सम्मेलन में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर भाग लेंगे।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू भी कुछ सम्मेलनों में आएंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने की।

प्रत्याशी नहीं, मोदी के नाम पर वोट मांगे
कुछ लोगों ने प्रत्याशियों की छवि को लेकर सवाल उठाए। राष्ट्रीय महामंत्री ने सुझाव दिया कि सभी जनता के बीच मोदी के नाम पर वोट मांगे।

लोगों को समझाएं कि में प्रत्याशी नहीं, पार्टी व मोदी को वोट दें। बैठक में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर 15 फरवरी तक लोकसभा के प्रत्येक क्षेत्र में व 20 फरवरी तक विधानसभा के प्रत्येक क्षेत्र में पार्टी का चुनाव कार्यालय खोलने का फैसला हुआ।

शाह की मदद को बनी कोर कमेटी
बैठक में अमित शाह की मदद के लिए कोर कमेटी का गठन हुआ। इसमें पार्टी के प्र्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह, बुंदेलखंड के संगठन मंत्री रत्नाकर और विद्यार्थी परिषद से भाजपा में भेजे गए सुनील बंसल शामिल हैं। ये लोग चुनावी प्रबंधन में शाह की मदद करेंगे।

मोदी करेंगे 41 जिलों के लोगों से बात
लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए भाजपा ने 'चाय पर चर्चा मोदी के संग' कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। 12 फरवरी को होने वाले इस कार्यक्रम में मोदी प्रदेश के 41 जिलों में 172 स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोगों से बातचीत करेंगे।

आयोजन को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा-अनुभव बांटो, सवाल पूछो व सुझाव दो। इसके लिए हर चौपाल पर टीवी स्क्रीन लगाई जाएगी। इन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चाय पीते हुए लोग मोदी से बातचीत करेंगे।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय पाठक के मुताबिक लखनऊ व कानपुर में 11-11 स्थानों पर चाय की चर्चा कार्यक्रम का आयोजन होगा।

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