Sunday, February 2, 2014

दंगों का रिकॉर्ड नष्ट करने वालों पर अब गिरेगी गाज

anti sikh riots in 1984
नवंबर 84 दंगों का रिकॉर्ड नष्ट करने के आरोप में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। अदालत ने पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त को नांगलोई थाने में दर्ज दंगों के एक मामले का रिकॉर्ड नष्ट करने संबंधी रिपोर्ट तलब की है।

रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामनी लॉ ने पुलिस उपायुक्त को सरकारी दस्तावेज नष्ट करने संबंधी रूल के तहत स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई का प्रावधान है। अदालत ने उन्हें गुम होने वाले रिकॉर्ड का विवरण भी पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने 7 फरवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने नवंबर 84 दंगो के दौरान नांगलोई थाने क्षेत्र के तत्कालीन एसीपी अमरेंद्र कुमार सिंह, थानाध्यक्ष आरएस दहिया, तत्कालीन थानाध्यक्ष रामपाल, एसआई दलेल सिंह इत्यादि के खिलाफ साक्ष्य नष्ट करने व आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलाने संबंधी अभियोजन पक्ष की याचिका पर यह निर्देश दिया है।

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि 3 नवंबर 1984 को शिकायतकर्ता के थाने में बाल काट दिए गए। इसके अलावा कई लोगों की हत्या की गई। पुलिस ने मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष रामपाल व एसआई दलेल सिंह के अलावा कई अन्य को दंगा करने, हत्या व कई धाराओं में आरोपी बनाया था।

मामले की सुनवाई विचाराधीन थी इसी दौरान पता चला कि मामले से जुड़ा काफी रिकॉर्ड नष्ट कर दिया गया। अभियोजन पक्ष ने आवेदन दायर कर बताया कि तत्कालीन एसीपी अमरेन्द्र कुमार सिंह, थानाध्यक्ष आरएसदहिया, तत्कालीन थानाध्यक्ष रामपाल, एसआई दलेल सिंह ने षड्यंत्र के तहत 5 फरवरी 1992 में मामले से संबंधित सरकारी रिकॉर्ड नष्ट कर दिया। इस संबंध में उन्होंने क्षेत्रीय डीसीपी को भी गुमराह किया।

No comments:

Post a Comment