अल्पसंख्यकों के संबंध में राज्यों को दिशानिर्देश जारी करने संबंधी पत्र लिखने के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान ने तूल पकड़ लिया है।
भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर गृहमंत्री शिंदे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
शिंदे के इस रुख को अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने वाला निर्लज्ज प्रयास करार देते हुए मोदी ने प्रधानमंत्री को अपने कैबिनेट सहकर्मी को राजनीतिक आतुरता के लिए सिद्धांतों की कुर्बानी नहीं देने का सुझाव देने की नसीहत दी है।
पत्र में मोदी ने आपराधिक मामलों में धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवहार करने के शिंदे के रुख को खतरनाक बताते हुए कहा है कि इससे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली सवालों के कटघरे में होगी।
उल्लेखनीय है कि शिंदे आतंकवाद के मामले में गलत कारणों से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने संबंधी पत्र गुजरात समेत सभी राज्यों को पहले ही लिख चुके हैं।
शिंदे ने राज्यों को समीक्षा समितियों का गठन कर आतंकवाद के मामले में गिरफ्तार किए गए अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मामलों की समीक्षा करने, निर्दोष लोगों को तत्काल रिहा करने के साथ ही मुआवजा देने और पुनर्वास करने का भी निर्देश इसी पत्र में दिया।
इस मुद्दे पर जनसभाओं में लगातार तीखे हमले कर रहे मोदी ने अब प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर शिंदे की खिंचाई की है। मोदी ने कहा कि इससे न केवल आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में गलत संदेश जाएगा, बल्कि कानून लागू करने वाली एजेंसियां बुरी तरह हतोत्साहित होंगी।
मोदी ने पत्र में कहा है कि अपराध अपराध होता है, गृह मंत्री को यह समझना चाहिए कि धर्म के आधार पर दोषी या निर्दोष होने का निर्धारण नहीं किया जा सकता।
क्या कहा था शिंदे ने
शिंदे ने पिछले हफ्ते बयान दिया था कि वह सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखेंगे कि बिना सुनवाई के जेलों में बंद अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों की भूमिका की जांच के लिए समीक्षा या स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन किया जाए।
पत्र भी लिखा
शिंदे ने गुजरात सहित सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी सदस्य को अगर गलत कारणों से गिरफ्तार किया गया है तो ऐसी गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
गलत तरीके से गिरफ्तार लोगों को न केवल तुरंत रिहा किया जाना चाहिए बल्कि मुख्य धारा में लाने के लिए उन्हें उपयुक्त मुआवजा दिया जाना चाहिए और उनका पुनर्वास किया जाना चाहिए।
भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर गृहमंत्री शिंदे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
शिंदे के इस रुख को अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने वाला निर्लज्ज प्रयास करार देते हुए मोदी ने प्रधानमंत्री को अपने कैबिनेट सहकर्मी को राजनीतिक आतुरता के लिए सिद्धांतों की कुर्बानी नहीं देने का सुझाव देने की नसीहत दी है।
पत्र में मोदी ने आपराधिक मामलों में धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवहार करने के शिंदे के रुख को खतरनाक बताते हुए कहा है कि इससे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली सवालों के कटघरे में होगी।
उल्लेखनीय है कि शिंदे आतंकवाद के मामले में गलत कारणों से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने संबंधी पत्र गुजरात समेत सभी राज्यों को पहले ही लिख चुके हैं।
शिंदे ने राज्यों को समीक्षा समितियों का गठन कर आतंकवाद के मामले में गिरफ्तार किए गए अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मामलों की समीक्षा करने, निर्दोष लोगों को तत्काल रिहा करने के साथ ही मुआवजा देने और पुनर्वास करने का भी निर्देश इसी पत्र में दिया।
इस मुद्दे पर जनसभाओं में लगातार तीखे हमले कर रहे मोदी ने अब प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर शिंदे की खिंचाई की है। मोदी ने कहा कि इससे न केवल आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में गलत संदेश जाएगा, बल्कि कानून लागू करने वाली एजेंसियां बुरी तरह हतोत्साहित होंगी।
मोदी ने पत्र में कहा है कि अपराध अपराध होता है, गृह मंत्री को यह समझना चाहिए कि धर्म के आधार पर दोषी या निर्दोष होने का निर्धारण नहीं किया जा सकता।
क्या कहा था शिंदे ने
शिंदे ने पिछले हफ्ते बयान दिया था कि वह सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखेंगे कि बिना सुनवाई के जेलों में बंद अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों की भूमिका की जांच के लिए समीक्षा या स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन किया जाए।
पत्र भी लिखा
शिंदे ने गुजरात सहित सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी सदस्य को अगर गलत कारणों से गिरफ्तार किया गया है तो ऐसी गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
गलत तरीके से गिरफ्तार लोगों को न केवल तुरंत रिहा किया जाना चाहिए बल्कि मुख्य धारा में लाने के लिए उन्हें उपयुक्त मुआवजा दिया जाना चाहिए और उनका पुनर्वास किया जाना चाहिए।
No comments:
Post a Comment