Thursday, January 16, 2014

राहुल गांधी की ताजपोशी तय, ओहदे पर माथापच्ची

rahul gandhi may be congress prime minister candidate
विधानसभा चुनावों की करारी हार के बाद कांग्रेस में नई जान फूंकने की पूरी कोशिश की जा रही है।

17 जनवरी को पार्टी कार्यकर्ताओं के भारी हुजूम के सामने कांग्रेस अपने युवा उपाध्यक्ष के प्रमोशन का ऐलान कर सकती है। मगर ये ऐलान किस पद को लेकर होगा, इसे लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर बैठकों का दौर जारी है।

राहुल की मौजूदगी में हुई कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक में भी इस मसले पर घंटों चर्चा हुई। पार्टी की बैठक से पहले बृहस्पतिवार को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल की ताजपोशी को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव जारी हो सकता है। प्रस्ताव का प्रारूप और उनका ओहदा क्या होगा, इसका खुलासा नहीं हुआ है। मगर राहुल गांधी की ताजपोशी तय है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल के करीबी युवा नेताओं की राय को देखे तो उनके प्रमोशन को लेकर तीन तरह के विकल्पों पर विचार हो रहा है। पहला कि राहुल को सीधे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए।

दूसरा उनको कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर तरक्की दी जाए। ये दोनों नहीं तो इस बात का ऐलान हो कि वह अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी के अभियान का नेतृत्व करेंगे।

पार्टी के अंदर कई नेता तो यहां तक चाहते है कि राहुल को सीधे प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालते हुए अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। आठ दिसंबर को चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे पक्ष में नहीं आने के बाद सोनिया गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर पार्टी सही समय पर फैसला करेगी।

उनकी इस बात के कुछ दिनों बाद ही 17 जनवरी को कांग्रेस की राष्ट्रीय बैठक का ऐलान हो गया। मंगलवार को राहुल ने एक इंटरव्यू में जिम्मेदारी लेने के संकेत भी दिए।

उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस के सिपाही हैं, पार्टी का जो भी आदेश होगा। वह उसे मानने के लिए तैयार हैं। लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी चुनाव अभियान के दौरान पारंपरिक रूप से पीएम उम्मीदवार का ऐलान नहीं करती।

शुक्रवार को कांग्रेस की बैठक में पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया और उपाध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने अभी अपनी तीन जनवरी की प्रेस कांफ्रेंस में पीएम के तौर पर अपनी तीसरी पारी की संभावना को खारिज कर दिया था और साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल के नाम का समर्थन भी किया था।

उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ मंत्री और नेता राहुल का नाम पीएम उम्मीदवारी के लिए आगे बढ़ा रहे हैं।

मगर पार्टी का एक वर्ग मानता है कि ऐसा करने से राहुल का चुनाव अभियान पटरी से उतर सकता है और इसका फायदा नरेंद्र मोदी को सीधे हो सकता है, जोकि अभी तक चुनाव अभियान में पार्टी उपाध्यक्ष के मुकाबले ज्यादा तेज तर्रार हैं।

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