Thursday, January 16, 2014

गोरा बनाने वाली क्रीम में विषैली धातुएं

High metal content in some fairness products claims study
आपको गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीम आपको त्वचा संबंधी गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती हैं। इन सौंदर्य प्रसाधनों के नमूनों के परीक्षण से उनमें खतरनाक धातुओं के मौजूद होने की पुष्टि हुई है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की लेबोरेट्री के किए गए अध्ययन से क्रीम में पारा तथा लिपस्टिक में कैंसर कारक क्रोमियम होने की पुष्टि हुई है।

अध्ययन के लिए गोरा बनाने का दावा करने वाली 32 क्रीमों के लिए गए नमूनों में करीब 44 फीसदी में पारा पाया गया। वहीं लिपस्टिक के करीब 30 नमूनों में से 50 फीसदी में क्रोमियम तथा 43 फीसदी में निकेल होने की पुष्टि हुई।

अध्ययन के अनुसार 14 क्रीमों के नमूनों में पारा का स्तर प्रति 10 लाख में 0.10 से 1.97 पाया गया है। इसी तरह 30 में से 15 लिपस्टिक के नमूनों में क्रोमियम का स्तर प्रति 10 लाख में 0.45 से 17.83 तथा 13 नमूनों में निकेल का स्तर प्रति 10 लाख में 0.57 से 9.18 पाया गया।

उल्लेखनीय है कि ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट्स एंड रूल्स ऑफ इंडिया के तहत सौंदर्य प्रसाधन की चीजों में पारा का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। यह किडनी को क्षति पहुंचाता है।

त्वचा के रंग पर असर डालने के साथ इंसान में अवसाद, निराशा और मनोविकृति पैदा करता है। इससे तंत्रिका तंत्र भी असर पड़ता है। इसी तरह क्रोमियम कैंसर का कारण माना जाता है।

पर्यावरणविद और सीएसई की निदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि सामान्यतया सौंदर्य प्रसाधनों में पारा नहीं होना चाहिए। सौंदर्य प्रसाधनों में इसकी मामूली मौजूदगी गलत और गैरकानूनी है।

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