बाघिन के उत्तराखंड कार्बेट पार्क में पहुंचने की संभावना के कारण टीमें बार्डर की निगरानी में लग गई है। इसी के साथ अफवाहों का दौर भी खत्म हो गया। सर्चिंग के दौरान टीमों को पुराने पदचिह्न ही दिखाई दिए।
वापस लौटने के अंदेशे को देख टीमें शूटरों के साथ सात दिन तक बॉर्डर पर डटी रहेंगी। मंगलवार को किसी जंगली जानवर ने जिम कार्बेट पार्क की कालागढ़ रेंज में एक महिला को अपना शिकार बनाया।
अधिकारियों और ग्रामीणों के अनुसार बाघिन यूपी की सीमा से बाहर चली गई है। अधिकारियों को डर है कि कही बाघिन पुन: बार्डर गांवों में प्रवेश न कर जाए।
बुधवार को सुबह से ही विभागीय अधिकारी टीम और शूटरों को लेकर उत्तराखंड बार्डर पर तैनात हो गई है। मंडल के वन अधिकारी अमानगढ़ रेंज में डेरा डाले हैं।
इनमें से एक टीम शून्य प्वाइंट (केहरीपुर) से पीली डैम के बीच, दूसरी टीम पीली डैम से गढ़ी मानिया वाला तक, तीसरी टीम भज्जा वाला बार्डर के पास लगाई है।
इसके अतिरिक्त एक टीम को अफजलगढ़ - कालागढ़ रोड पर तैनात किया है। वहीं, कालागढ़ रेंज के रेंजर भारत सिंह सजवाण ने बताया कि वन में टीम ने घटना क्षेत्र में बाघ और बाघिन की उपस्थिति दर्ज की है। बाघिन के पंजों के निशानों की जांच की जा रही है।
कार्बेट में शूट नहीं होगी बाघिन
उपनिदेशक डॉ. साकेत बड़ोला ने बताया कार्बेट टाइगर रिजर्व/नेशनल पार्क में कोई बाघिन या बाघ आदमखोर नहीं है। यदि जांच में मौत बाघिन द्वारा आती है तो फिर उसे बाकायदा ट्रैंक्यूलाइज किया जाएगा।
अभी तक कार्बेट में शूट आउट के कोई निर्देश नहीं है। यूपी में आतंक मचाने वाली बाघिन की कालागढ़ में कोई लोकेशन नहीं है।
मृतका के परिजनों को तीन लाख और नौकरी
कार्बेट टाइगर रिजर्र्व/नेशनल पार्क की कालागढ़ रेंज में जंगली जानवर का शिकार महिला के परिजनों को उत्तराखंड शासन ने तीन लाख रुपये एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया।
कालागढ़ रेंज में हेड़िया बस्ती निवासी जयपाल सिंह की पत्नी आनंदी उर्फ हरनंदी को किसी जंगली जानवर ने मंगलवार की दुपहर बाद हमला कर मारा डाला था।
बुधवार को कांबिंग के बाद वापस लौटी वन विभाग की टीम ने आनंदी उर्फ हरआनंदी की मौत का खुलासा किया। कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक सुरेंद्र कुमार मेहरा के अनुसार ये महिला फायर लाइन से पांच किलोमीटर दूर घने कोर जोन के जंगल में पहुंच गई थी।
वहां उसके चप्पल आदि मिले हैं और पास में ही एक बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि महिला को इसी बाघ ने मौत के घाट उतारा।
वापस लौटने के अंदेशे को देख टीमें शूटरों के साथ सात दिन तक बॉर्डर पर डटी रहेंगी। मंगलवार को किसी जंगली जानवर ने जिम कार्बेट पार्क की कालागढ़ रेंज में एक महिला को अपना शिकार बनाया।
अधिकारियों और ग्रामीणों के अनुसार बाघिन यूपी की सीमा से बाहर चली गई है। अधिकारियों को डर है कि कही बाघिन पुन: बार्डर गांवों में प्रवेश न कर जाए।
बुधवार को सुबह से ही विभागीय अधिकारी टीम और शूटरों को लेकर उत्तराखंड बार्डर पर तैनात हो गई है। मंडल के वन अधिकारी अमानगढ़ रेंज में डेरा डाले हैं।
इनमें से एक टीम शून्य प्वाइंट (केहरीपुर) से पीली डैम के बीच, दूसरी टीम पीली डैम से गढ़ी मानिया वाला तक, तीसरी टीम भज्जा वाला बार्डर के पास लगाई है।
इसके अतिरिक्त एक टीम को अफजलगढ़ - कालागढ़ रोड पर तैनात किया है। वहीं, कालागढ़ रेंज के रेंजर भारत सिंह सजवाण ने बताया कि वन में टीम ने घटना क्षेत्र में बाघ और बाघिन की उपस्थिति दर्ज की है। बाघिन के पंजों के निशानों की जांच की जा रही है।
कार्बेट में शूट नहीं होगी बाघिन
उपनिदेशक डॉ. साकेत बड़ोला ने बताया कार्बेट टाइगर रिजर्व/नेशनल पार्क में कोई बाघिन या बाघ आदमखोर नहीं है। यदि जांच में मौत बाघिन द्वारा आती है तो फिर उसे बाकायदा ट्रैंक्यूलाइज किया जाएगा।
अभी तक कार्बेट में शूट आउट के कोई निर्देश नहीं है। यूपी में आतंक मचाने वाली बाघिन की कालागढ़ में कोई लोकेशन नहीं है।
मृतका के परिजनों को तीन लाख और नौकरी
कार्बेट टाइगर रिजर्र्व/नेशनल पार्क की कालागढ़ रेंज में जंगली जानवर का शिकार महिला के परिजनों को उत्तराखंड शासन ने तीन लाख रुपये एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया।
कालागढ़ रेंज में हेड़िया बस्ती निवासी जयपाल सिंह की पत्नी आनंदी उर्फ हरनंदी को किसी जंगली जानवर ने मंगलवार की दुपहर बाद हमला कर मारा डाला था।
बुधवार को कांबिंग के बाद वापस लौटी वन विभाग की टीम ने आनंदी उर्फ हरआनंदी की मौत का खुलासा किया। कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक सुरेंद्र कुमार मेहरा के अनुसार ये महिला फायर लाइन से पांच किलोमीटर दूर घने कोर जोन के जंगल में पहुंच गई थी।
वहां उसके चप्पल आदि मिले हैं और पास में ही एक बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि महिला को इसी बाघ ने मौत के घाट उतारा।
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