Sunday, January 12, 2014

उत्तराखंड की ओर बढ़ी बाघ‌िन, मेनका बोलीं मत मारो उसे

Tigress going toward uttrakhand
यूपी में कोहराम मचा कर लौट रही आदमखोर बाघिन और उत्तराखंड के जंगल के बीच की दूरी लगातार कम होती जा रही है। बाघिन अब कालागढ़ जंगल से मात्र छह किलोमीटर दूर रह गई है।

आदमखोर को काबू करने के लिए जंगलात की कई टीमें मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं के निर्देशन में पहुंच गई है।

उत्तराखंड में आने के बाद आदमखोर की जिंदगी बच सकती है क्योंकि यहां उसे पहले बेहोश कर काबू करने के निर्देश दिए गए हैं।यूपी में बाघिन छह लोगों का शिकार करने के बाद उत्तराखंड की तरफ बढ़ रही है।

बाघिन के मूवमेंट पर नजर रख रहे अधिकारियों के अनुसार उसकी आखिरी लोकेशन कालागढ़ जंगल के पास यूपी के एक फार्म में मिली है। बाघिन अगर छह किलोमीटर आगे बढ़ती है तो वह उत्तराखंड सीमा में प्रवेश कर जाएगी।

यहां पर आदमखोर को काबू करने को जंगलात ने भारी अमला तैनात किया है। कार्बेट पार्क, कालागढ़ वन प्रभाग, तराई पश्चिम वन, नैनीताल वन प्रभाग समेत कई डिवीजनों की रेस्क्यू टीम समेत कई गश्ती दल पहुंचे हुए हैं। साथ ही, कई पशु चिकित्सकों को भी मौके पर भेजा गया है।

मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं परमजीत सिंह कहते हैं कि हमारी टीमों को अभी बाघिन को बेहोश करने के ही आदेश मिले हैं। ऐसे में उसको गोली नहीं मारी जाएगी। पहली प्राथमिकता ट्रेंकूलाइज कर काबू करना होगा।

प्रमुख वन संरक्षक डा.आरबीएस रावत का कहना है कि उत्तराखंड की सीमा में आने पर ही बाघिन को आदमखोर माना जाएगा। हालांकि, पहली प्राथमिकता उसे बेहोश कर काबू करना है।

वहीं, सीटीआर से रेस्क्यू टीम की कमान संभाल रहे डिप्टी रेंजर मथुरा दत्त मवाड़ी ने बताया कि बाघिन शुक्रवार को बिड़ला फार्म के पास तक पहुंच गई थी। वहां उसके पंजों के निशान मिले हैं। शनिवार सुबह से मानियावाला से बिड़ला फार्म तक गश्त की गई। अब रविवार को फिर से गश्त शुरू होगी।

मारा न जाए आदमखोर बाघिन को: मेनका
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रूपक डे को फोन कर बाघिन को न मारने के लिए कहा। उन्होंने उसे ट्रैंकुलाइज करने का सुझाव दिया।

मेनका गांधी ने 'अमर उजाला' से कहा कि बाघिन को मारना कोई विकल्प नहीं है।

पहले उसे ट्रैंकुलाइज किया जाना चाहिए और फिर उसे जंगल में छोड़ने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाघिन जंगल से भटक कर आबादी की ओर आ गई है। इसी कारण वह आदमखोर हो गई है।

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