सरकार पर काम करने की जल्दबाजी के आरोप पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, 'मैं हमेशा कहता रहा हूं कि हम जल्दबाजी में हैं। अगर हम सबने मिलकर जल्दबाजी नहीं की तो यह देश नहीं बचेगा। ऐसा करना जरूरी है।'
जनता दरबार के जरिए अराजकता फैलाने के विपक्ष के आरोप पर केजरीवाल ने कहा कि अगर जनसमस्याएं सुनना अराजकता है, तो फिर लोग लोकतंत्र का मतलब ही भूल गए हैं। लोकतंत्र का मतलब लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
अन्य मुख्यमंत्रियों द्वारा जनता दरबार लगाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि यूपी, बिहार समेत तमाम राज्यों में मुख्यमंत्री जनता दरबार लगाते हैं, लेकिन वहां ज्यादा संख्या में लोग नहीं जाते। लोगों को उन पर यकीन नहीं है। वहीं शनिवार को दिल्ली सचिवालय पर उम्मीद से दस गुना ज्यादा लोग पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आए थे, उन्हें विश्वास था कि उनका काम होगा। जनता की उम्मीदें बहुत बढ़ गई हैं। हमें और मेहनत करनी होगी।
जनता दरबार के जरिए अराजकता फैलाने के विपक्ष के आरोप पर केजरीवाल ने कहा कि अगर जनसमस्याएं सुनना अराजकता है, तो फिर लोग लोकतंत्र का मतलब ही भूल गए हैं। लोकतंत्र का मतलब लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
अन्य मुख्यमंत्रियों द्वारा जनता दरबार लगाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि यूपी, बिहार समेत तमाम राज्यों में मुख्यमंत्री जनता दरबार लगाते हैं, लेकिन वहां ज्यादा संख्या में लोग नहीं जाते। लोगों को उन पर यकीन नहीं है। वहीं शनिवार को दिल्ली सचिवालय पर उम्मीद से दस गुना ज्यादा लोग पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आए थे, उन्हें विश्वास था कि उनका काम होगा। जनता की उम्मीदें बहुत बढ़ गई हैं। हमें और मेहनत करनी होगी।
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