


- कुमार विश्वास
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने आखिरकार मोर्चा खोल ही दिया है।
अमेठी के रामलीला मैदान में जनविश्वास रैली के दौरान विश्वास ने अपने जोरदार भाषण से लोगों का दिल जीत लिया।
विश्वास के तेजतर्रार भाषण से कुछ लोगों का विरोध भी दब गया।
विश्वास ने कहा कि मैं चुनाव में जान की बाजी लगा दूंगा। मुझे यहां एक घर मिल गया है। मैं चुनाव जीते बिना यहां से दिल्ली नहीं लौटूंगा।
समर्थकों ने बना दिया नायक
विश्वास ने राहुल पर निशाना भी साधा और लोगों को झूमने पर भी विवश कर दिया। उन्होंने अपनी कविता कोई दीवाना कहता है...और शोहरत न अता करना मौला, दौलत न अता करना मौला... गाकर समां बांध दिया। इतना ही नहीं, विश्वास को नायक के पोस्टर्स भी दिखाए गए।
विश्वास ने कांग्रेसियों के खिलाफ जमकर हुंकार भरी। बोले, ऐ कांग्रेस वालों, जगदीशपुर, अमेठी, रायबरेली वीरों की धरती है। पीछे से वार मत करना। तुम सामने से वार करना। तुम जहां बुलाओगे, मैं मिलने चला आऊंगा।
राहुल के दलित स्टंट पर ली चुटकी
विश्वास ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि सांसद का काम ये नहीं होता कि वो दलितों के घर जाकर खाना खाए। उसका काम ये होता है कि जब वो अपने घर खाना खाए तो ये सोचे कि किसी दलित ने खाना खाया या नहीं। विश्वास ने कहा कि मैं आम आदमी की लड़ाई लड़ रहा हूं और इसीलिए अब देश पुकार रहा है...साथ आ जाओ।
विश्वास ने कहा कि अगर राहुल राजवंश से हैं तो मैं मास्टर का बेटा हूं। वैसे भी, हमने तो सिर्फ जनलोकपाल ही मांगा था। इसलिए अब हम कहते हैं कि लड़ाई को हल्के में मत लेना। आखिर आप ने ही कहा था कि औकात है, तो लड़के दिखाओ।
जब भावुक हुए विश्वास
विश्वास ने जब अपनी कविता कोई दीवाना कहता है सुनाई, तो लोगों में जोश भर गया। विश्वास ने कहा कि आज से दो साल पहले किसी की हिम्मत नहीं थी कि मुझे गाली दे, लेकिन अब सबके अपने स्वार्थ हैं। मेरा भी स्वार्थ है कि देश को बचाने के लिए गाली सुन रहा हूं।
कुमार विश्वास ने कहा कि मेरा कोई मन नहीं है संसद में जाने का, राजनीति करने का लेकिन आपने बहुत युवराजों को जिता दिया है। बस इस बार एक नौकर के लिए वोट का बटन दबाइए।
हमने कसम खाई है कि...
इसके पहले, विश्वास जैसे ही मंच पर चढ़े, लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। इस पर विश्वास ने कहा, 'अभी तो हम सिर्फ नगर में आए हैं। इसीलिए हम पर काला रंग फेंका गया। अभी वो और बौखलाएंगे। लेकिन, हमने कसम खाई है कि हम हारें या जीतें, लेकिन हम किसी पर हाथ नहीं उठाएंगे।'
नेता के लिबास में पत्रकार
पहली बार नेता के लिबास में पत्रकार आशुतोष ने भरी हुंकार। उन्होंने कहा कि पहले जब वह राजनीति के बारे में सोचते, उन्हें लगता यह एक झूठ है, चक्रव्यूह है जिसमें आम आदमी, आम आदमी नहीं रहता है उसे वोटबैंक समझा जाता है, जिससे किसी का विकास नहीं होता है।
पार्टी के वरिष्ट नेता संजय सिंह ने कहा कि वह एक परिवार की गुलामी नहीं करेंगे।
जब फूंका गया पुतला
रैली में जा रहे आप समर्थकों की बस पर कुमार विश्वास का विरोध कर रहे लोगों ने पथराव किया। इसके पहले, जगदीशपुर और गौरीगंज में उन्हें काले झंडे दिखाए गए और पुतला भी फूंका गया। रैली के अंत में कानुपर के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर महबूब अंसारी और यूपी के पूर्व एडीजी एवं सुल्तानपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक अजय श्रीवास्तव के साथ तमाम लोगों पार्टी की सदस्यता ली।
अमेठी के रामलीला मैदान में जनविश्वास रैली के दौरान विश्वास ने अपने जोरदार भाषण से लोगों का दिल जीत लिया।
विश्वास के तेजतर्रार भाषण से कुछ लोगों का विरोध भी दब गया।
विश्वास ने कहा कि मैं चुनाव में जान की बाजी लगा दूंगा। मुझे यहां एक घर मिल गया है। मैं चुनाव जीते बिना यहां से दिल्ली नहीं लौटूंगा।
समर्थकों ने बना दिया नायक
विश्वास ने राहुल पर निशाना भी साधा और लोगों को झूमने पर भी विवश कर दिया। उन्होंने अपनी कविता कोई दीवाना कहता है...और शोहरत न अता करना मौला, दौलत न अता करना मौला... गाकर समां बांध दिया। इतना ही नहीं, विश्वास को नायक के पोस्टर्स भी दिखाए गए।
विश्वास ने कांग्रेसियों के खिलाफ जमकर हुंकार भरी। बोले, ऐ कांग्रेस वालों, जगदीशपुर, अमेठी, रायबरेली वीरों की धरती है। पीछे से वार मत करना। तुम सामने से वार करना। तुम जहां बुलाओगे, मैं मिलने चला आऊंगा।
राहुल के दलित स्टंट पर ली चुटकी
विश्वास ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि सांसद का काम ये नहीं होता कि वो दलितों के घर जाकर खाना खाए। उसका काम ये होता है कि जब वो अपने घर खाना खाए तो ये सोचे कि किसी दलित ने खाना खाया या नहीं। विश्वास ने कहा कि मैं आम आदमी की लड़ाई लड़ रहा हूं और इसीलिए अब देश पुकार रहा है...साथ आ जाओ।
विश्वास ने कहा कि अगर राहुल राजवंश से हैं तो मैं मास्टर का बेटा हूं। वैसे भी, हमने तो सिर्फ जनलोकपाल ही मांगा था। इसलिए अब हम कहते हैं कि लड़ाई को हल्के में मत लेना। आखिर आप ने ही कहा था कि औकात है, तो लड़के दिखाओ।
जब भावुक हुए विश्वास
विश्वास ने जब अपनी कविता कोई दीवाना कहता है सुनाई, तो लोगों में जोश भर गया। विश्वास ने कहा कि आज से दो साल पहले किसी की हिम्मत नहीं थी कि मुझे गाली दे, लेकिन अब सबके अपने स्वार्थ हैं। मेरा भी स्वार्थ है कि देश को बचाने के लिए गाली सुन रहा हूं।
कुमार विश्वास ने कहा कि मेरा कोई मन नहीं है संसद में जाने का, राजनीति करने का लेकिन आपने बहुत युवराजों को जिता दिया है। बस इस बार एक नौकर के लिए वोट का बटन दबाइए।
हमने कसम खाई है कि...
इसके पहले, विश्वास जैसे ही मंच पर चढ़े, लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। इस पर विश्वास ने कहा, 'अभी तो हम सिर्फ नगर में आए हैं। इसीलिए हम पर काला रंग फेंका गया। अभी वो और बौखलाएंगे। लेकिन, हमने कसम खाई है कि हम हारें या जीतें, लेकिन हम किसी पर हाथ नहीं उठाएंगे।'
नेता के लिबास में पत्रकार
पहली बार नेता के लिबास में पत्रकार आशुतोष ने भरी हुंकार। उन्होंने कहा कि पहले जब वह राजनीति के बारे में सोचते, उन्हें लगता यह एक झूठ है, चक्रव्यूह है जिसमें आम आदमी, आम आदमी नहीं रहता है उसे वोटबैंक समझा जाता है, जिससे किसी का विकास नहीं होता है।
पार्टी के वरिष्ट नेता संजय सिंह ने कहा कि वह एक परिवार की गुलामी नहीं करेंगे।
जब फूंका गया पुतला
रैली में जा रहे आप समर्थकों की बस पर कुमार विश्वास का विरोध कर रहे लोगों ने पथराव किया। इसके पहले, जगदीशपुर और गौरीगंज में उन्हें काले झंडे दिखाए गए और पुतला भी फूंका गया। रैली के अंत में कानुपर के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर महबूब अंसारी और यूपी के पूर्व एडीजी एवं सुल्तानपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक अजय श्रीवास्तव के साथ तमाम लोगों पार्टी की सदस्यता ली।
No comments:
Post a Comment