कुमार विश्वास ने जिस घड़ी कांग्रेस के युवराज के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ने और उन्हें हराने का एलान किया था, उसी दिन उनके खिलाफ तैयारियां शुरू हो गई थीं।
राहुल गांधी ने खुद अपने क्षेत्र के दो दौरे कर डाले। लोगों में फिर भी जनविश्वास रैली की चर्चा थी।
शनिवार को लखनऊ आकर विश्वास मीडिया सुर्खियों में छा गए तो, कांग्रेसियों के हाथ-पांव फूल गए।
इधर विश्वास का कारवां अमेठी के लिए बढ़ा, उधर कांग्रेसी जगह-जगह विरोध के नए तरीके लिए इंतजार करते रहे।
विश्वास ने भी ली चुटकी
विश्वास गौरीगंज पहुंचे, तो वहां पुतला फूंक डाला। कुमार ने अपनी रैली में इसका जवाब भी मांगा। अपने चुटीले अंदाज में विश्वास ने कहा, 'अरे भइया, मेरी गलती तो बता दो। आखिर मैंने ऐसा किया क्या कि आप मेरा विरोध कर रहे हो। मैं तो सच्ची जुबान जीता हूं।'
फिर विश्वास का काफिला आगे बढ़ा तो कुमार के समर्थकों की गाड़ी पर पथराव शुरू हो गया। वहां भी विश्वास ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। न बेवजह सरकार की खिंचाई, न प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल।
अमेठी आ गया। यहां झल्लाए कथित कांग्रेसियों ने विश्वास की गाड़ी पर काला रंग फेंका। निशाना चूका और समर्थकों की गाड़ी पर जा लगा।
लेकिन, कारवां नहीं रुका। विश्वास रामलीला मैदान पहुंचे। साथ में 'आप' के संजय और मीडिया के आशू। यहां कुछ नहीं मिला, तो विश्वास के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।
विश्वास ने इस विरोध को ऐसा अनदेखा किया कि कुछ देर में शोर खुद-ब-खुद शांत हो गया। विश्वास की गर्म बातों का जोश, कविताओं की नर्म आहट और समर्थकों का उल्लास छा गया।
राहुल गांधी ने खुद अपने क्षेत्र के दो दौरे कर डाले। लोगों में फिर भी जनविश्वास रैली की चर्चा थी।
शनिवार को लखनऊ आकर विश्वास मीडिया सुर्खियों में छा गए तो, कांग्रेसियों के हाथ-पांव फूल गए।
इधर विश्वास का कारवां अमेठी के लिए बढ़ा, उधर कांग्रेसी जगह-जगह विरोध के नए तरीके लिए इंतजार करते रहे।
विश्वास ने भी ली चुटकी
विश्वास गौरीगंज पहुंचे, तो वहां पुतला फूंक डाला। कुमार ने अपनी रैली में इसका जवाब भी मांगा। अपने चुटीले अंदाज में विश्वास ने कहा, 'अरे भइया, मेरी गलती तो बता दो। आखिर मैंने ऐसा किया क्या कि आप मेरा विरोध कर रहे हो। मैं तो सच्ची जुबान जीता हूं।'
फिर विश्वास का काफिला आगे बढ़ा तो कुमार के समर्थकों की गाड़ी पर पथराव शुरू हो गया। वहां भी विश्वास ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। न बेवजह सरकार की खिंचाई, न प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल।
अमेठी आ गया। यहां झल्लाए कथित कांग्रेसियों ने विश्वास की गाड़ी पर काला रंग फेंका। निशाना चूका और समर्थकों की गाड़ी पर जा लगा।
लेकिन, कारवां नहीं रुका। विश्वास रामलीला मैदान पहुंचे। साथ में 'आप' के संजय और मीडिया के आशू। यहां कुछ नहीं मिला, तो विश्वास के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।
विश्वास ने इस विरोध को ऐसा अनदेखा किया कि कुछ देर में शोर खुद-ब-खुद शांत हो गया। विश्वास की गर्म बातों का जोश, कविताओं की नर्म आहट और समर्थकों का उल्लास छा गया।
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