
आपने ई सिगरेट का नाम तो सुना होगा, जिसमें आप बिना निकोटीन के सिगरेट का कश मर सकते हैं और सिगरेट के धुंए का छल्ला बना सकते हैं।
ये ई सिगरेट अब और हाईटेक व दिलचस्प हो चुकी है। 'सुपरस्मॉकर ब्लूटूथ' नाम की इस ई सिगरेट में अब ब्लूटूथ कनेक्टिविट का ऑप्शन भी शामिल किया गया है।

क्या है ई सिगरेट
ई सिगरेट, सामान्य सिगरेट का मैकाट्रॉनिक रूप है। आसान भाषा में कहें तो ये एक उपकरण है। यह सामान्य सिगरेट जैसी ही दिखती है लेकिन उससे थोड़ी लम्बी होती है। जो हिस्सा मुंह में दबाया जाता है उसमें एक कार्टरेज होती है जिसमें निकोटीन और प्रॉपेलिन ग्लाइकोल का तरल भरा रहता है।
इससे जो वाष्प का धुंआ तैयार होता है उसे व्यक्ति भीतर खींचता है और उसे लगता है कि वह सचमुच की सिगरेट पी रहा है। तंबाकू पीने से ई सिगरेट पीना बेहतर बताया जाता है क्योंकि सामान्य सिगरेट में तंबाकू जलने से जो हानिकारक तत्व पैदा होता है वह ई सिगरेट में नहीं होता। लेकिन क्योंकि इससे निकोटीन शरीर में जाती है इसलिए नुकसान तो होता ही है।
ये ई सिगरेट अब और हाईटेक व दिलचस्प हो चुकी है। 'सुपरस्मॉकर ब्लूटूथ' नाम की इस ई सिगरेट में अब ब्लूटूथ कनेक्टिविट का ऑप्शन भी शामिल किया गया है।
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जिसको आप ब्लूटूथ इंबिल्ड डिवाइस जैसे मोबाइल फोन वगैरह से कनेक्ट कर सकते हैं और गाने प्ले कर सकते हैं।3,999 रुपए में सरकारी टैबलेट 4 जी सपोर्ट के साथ
ये ई सिगरेट एंड्रॉयड और आई ओएस मोबाइल फोन के साथ आसानी से कनेक्ट होकर काम करती है। पॉवर के लिए इसमें बैटरी इस्तेमाल की जाती है और अगल-अगल फंक्शन जैसे म्यूजिक प्ले, कॉल रिसीव के लिए बटन दिए गए हैं।
क्या है ई सिगरेट
ई सिगरेट, सामान्य सिगरेट का मैकाट्रॉनिक रूप है। आसान भाषा में कहें तो ये एक उपकरण है। यह सामान्य सिगरेट जैसी ही दिखती है लेकिन उससे थोड़ी लम्बी होती है। जो हिस्सा मुंह में दबाया जाता है उसमें एक कार्टरेज होती है जिसमें निकोटीन और प्रॉपेलिन ग्लाइकोल का तरल भरा रहता है।
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बीच का सफेद हिस्सा एटमाइजर होता है और सामने के सफेद हिस्से में बैटरी लगी होती है। जब व्यक्ति इससे कश लेता है तो सेंसर, हवा के बहाव को पहचान लेता है। फिर एटमाइजर, निकोटीन और प्रॉपेलिन ग्लाइकोल की नन्ही नन्ही बूंदों को इस हवा में फेंकता है।इससे जो वाष्प का धुंआ तैयार होता है उसे व्यक्ति भीतर खींचता है और उसे लगता है कि वह सचमुच की सिगरेट पी रहा है। तंबाकू पीने से ई सिगरेट पीना बेहतर बताया जाता है क्योंकि सामान्य सिगरेट में तंबाकू जलने से जो हानिकारक तत्व पैदा होता है वह ई सिगरेट में नहीं होता। लेकिन क्योंकि इससे निकोटीन शरीर में जाती है इसलिए नुकसान तो होता ही है।
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