दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने बयान जारी करके आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराने के स्थान पर सिर्फ स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच का आदेश देकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का कार्य किया है। यदि वह सचमुच शीला दीक्षित और घोटाले के अन्य आरोपियों को सजा दिलाना चाहते हैं तो संपूर्ण घोटालों की जांच की संस्तुति करके उपराज्यपाल, गृहमंत्री, राष्ट्रपति से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग क्यों नहीं करते?'
उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली विधानसभा के चुनावों के दौरान हर गली और चौराहे पर जनता को संबोधित करते हुए सत्ता में आने पर शीला और उनके अन्य भ्रष्ट मंत्रियों को तिहाड़ जेल भेजने का ऐलान करते थे।
सरकार बनने के एक माह बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है। भाजपा के दबाव के चलते मुख्यमंत्री ने दिखावे के लिए एक घोटाला स्ट्रीट लाइट की एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच कराने की घोषणा की है।
पढ़ें, केजरीवाल का कांग्रेस पर डबल अटैक
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराने के स्थान पर सिर्फ स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच का आदेश देकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का कार्य किया है। यदि वह सचमुच शीला दीक्षित और घोटाले के अन्य आरोपियों को सजा दिलाना चाहते हैं तो संपूर्ण घोटालों की जांच की संस्तुति करके उपराज्यपाल, गृहमंत्री, राष्ट्रपति से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग क्यों नहीं करते?'
उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली विधानसभा के चुनावों के दौरान हर गली और चौराहे पर जनता को संबोधित करते हुए सत्ता में आने पर शीला और उनके अन्य भ्रष्ट मंत्रियों को तिहाड़ जेल भेजने का ऐलान करते थे।
सरकार बनने के एक माह बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है। भाजपा के दबाव के चलते मुख्यमंत्री ने दिखावे के लिए एक घोटाला स्ट्रीट लाइट की एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच कराने की घोषणा की है।
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