Saturday, February 1, 2014

खुद को जिंदा साबित करने के लिए खा रहा धक्के

alive but dead
गांव आसोदा टोडरान निवासी विनोद खुद को जीवित साबित करने के लिए पिछले लगभग दस साल से विभागों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक उसे कामयाबी नहीं मिल सकी है। हारकर अब उसने एसडीएम को शिकायत देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

विनोद का आरोप है कि उसे ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सरकारी रिकार्ड में उसे मृत दिखाने की यह साजिश रची गई है।

गांव आसोदा टोडरान निवासी विनोद कुमार पुत्र रामधन का जन्म 7 अप्रैल 1976 को हुआ था। 21 साल की उम्र होने पर उसका नाम बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में शामिल कर लिया गया।

उसका मन ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ने को हुआ, लेकिन किसी नेता ने साजिश रचकर उसे निर्वाचन विभाग के रिकार्ड में मृत घोषित कर दिया। इससे साल 2004 की विधानसभा चुनाव मतदाता सूची में विनोद का नाम नहीं आया।

उसके बाद विनोद ने अपना नाम शामिल कराने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन असफल रहा। उसके बाद 2009 के विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में भी विनोद का नाम शामिल नहीं किया गया।

अब विधानसभा चुनाव 2014 के लिए बनाई जा रही वोटर लिस्ट में भी विनोद का नाम नहीं आया तो वह बीएलओ से मिला। निर्वाचन विभाग ने विनोद को डाक द्वारा एक प्रमाणपत्र भेज दिया। डाक से एक तरह का मृत्यु प्रमाणपत्र पाकर विनोद और उसके परिवार के होश उड़ गए।

निर्वाचन विभाग के प्रारूप-14 में भरकर भेजे गए इस प्रमाणपत्र में बताया गया है कि 2004 की सूची में क्रम संख्या 223 पर दर्ज विनोद कुमार पुत्र रामधन का नाम उनकी मृत्यु होने के कारण सूची से हटाया गया है।

विनोद ने इस सारी साजिश के लिए विनोद ने अपने ही गांव के एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया है और एसडीएम को दरखास्त देकर इस साजिश के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम आफिस का कहना है कि इस संबंध में जरूरी कार्यवाही की जाएगी।

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