
केंद्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण का मुद्दा फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा केंद्र सरकार को जाटों को आरक्षण देने के लिए दिया गया अल्टीमेटम शुक्रवार (31जनवरी) को खत्म हो गया।
संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि देशभर के जाटों को एकजुट करने के लिए समिति कई प्रदेशों में जाकर जाटों से बातचीत करगी। वहीं शनिवार(1फरवरी) को जींद में खापों के चौधरी एक प्रेस कांफ्रेस बुलाकर भविष्य की रणनीति के बारे में बताएंगे। वैसे खापों ने केंद्र सरकार को बसंत पंचमी (4 फरवरी) तक का अल्टीमेटम दिया है।
भाजपा रुख स्पष्ट करेः अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण को लेकर भाजपा को अपना स्पष्ट रुख करने को कहा है। समिति ने भाजपा के समक्ष चार मांगें रखी हैं। जिनमें पहली मांग यह है कि 2 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मेरठ में गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी रैली को संबोधित करेंगे, इस रैली में ही भाजपा अपना रुख स्पष्ट करे।
पंजाब में अकाली दल व भाजपा की सरकार है, वहां पर अभी तक जाटों को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया। इस बारे में जाटों को बताया जाए। गुजरात में भाजपा की सरकार है, लेकिन वहां पर मुस्लिम जाटों को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की सिफारिश मोदी सरकार ने की है। लेकिन हिंदू जाटों के लिए ऐसी सिफारिश राज्य सरकार की तरफ से क्यों नहीं की गई।
मलिक ने बताया कि हरियाणा में बीजेपी व हजकां का चुनावी समझौता है। हजकां हरियाणा में जाटों के विरोध की राजनीति करती है। ऐसे में बीजेपी को जाट आरक्षण को लेकर पक्ष रखना चाहिए।
संघर्ष समिति के राष्टीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया केंद्रीय नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने के लिए सरकार को 31 जनवरी तक अल्टीमेटम दिया गया था। लेकिन सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा नहीं की। उन्होंने बताया कि अब वह 2 फरवरी को महाराष्ट्र में, 3-4 फरवरी को मध्यप्रदेश में तथा 7-8 फरवरी को राजस्थान में तथा इसके बाद हरियाणा में आकर जाटों से इस बारे में पूछेंगे कि आंदोलन आगे कैसे चलाया जाए।
उन्होंने बताया कि इसके बाद फरवरी के तीसरे सप्ताह में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आरक्षण आंदोलन की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूपी में तो समिति पिछले कई दिन से लोगों को आरक्षण आंदोलन के लिए तैयार कर रही है।
सर्वजाट सर्वखाप आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा के प्रवक्ता सूबेसिंह सैमाण ने कहा कि शनिवार को जींद में जाट आरक्षण को लेकर खापें अपना पक्ष रखेंगी। उन्होंने कहा कि खापों ने केंद्र सरकार को चार फरवरी तक अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर चार फरवरी तक आरक्षण की व्यवस्था केंद्र सरकार नहीं करती है तो फिर जाट पहले की तरह ही आंदोलन चलाएंगे।
संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि देशभर के जाटों को एकजुट करने के लिए समिति कई प्रदेशों में जाकर जाटों से बातचीत करगी। वहीं शनिवार(1फरवरी) को जींद में खापों के चौधरी एक प्रेस कांफ्रेस बुलाकर भविष्य की रणनीति के बारे में बताएंगे। वैसे खापों ने केंद्र सरकार को बसंत पंचमी (4 फरवरी) तक का अल्टीमेटम दिया है।
भाजपा रुख स्पष्ट करेः अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण को लेकर भाजपा को अपना स्पष्ट रुख करने को कहा है। समिति ने भाजपा के समक्ष चार मांगें रखी हैं। जिनमें पहली मांग यह है कि 2 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मेरठ में गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी रैली को संबोधित करेंगे, इस रैली में ही भाजपा अपना रुख स्पष्ट करे।
पंजाब में अकाली दल व भाजपा की सरकार है, वहां पर अभी तक जाटों को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया। इस बारे में जाटों को बताया जाए। गुजरात में भाजपा की सरकार है, लेकिन वहां पर मुस्लिम जाटों को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की सिफारिश मोदी सरकार ने की है। लेकिन हिंदू जाटों के लिए ऐसी सिफारिश राज्य सरकार की तरफ से क्यों नहीं की गई।
मलिक ने बताया कि हरियाणा में बीजेपी व हजकां का चुनावी समझौता है। हजकां हरियाणा में जाटों के विरोध की राजनीति करती है। ऐसे में बीजेपी को जाट आरक्षण को लेकर पक्ष रखना चाहिए।
संघर्ष समिति के राष्टीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया केंद्रीय नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने के लिए सरकार को 31 जनवरी तक अल्टीमेटम दिया गया था। लेकिन सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा नहीं की। उन्होंने बताया कि अब वह 2 फरवरी को महाराष्ट्र में, 3-4 फरवरी को मध्यप्रदेश में तथा 7-8 फरवरी को राजस्थान में तथा इसके बाद हरियाणा में आकर जाटों से इस बारे में पूछेंगे कि आंदोलन आगे कैसे चलाया जाए।
उन्होंने बताया कि इसके बाद फरवरी के तीसरे सप्ताह में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आरक्षण आंदोलन की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूपी में तो समिति पिछले कई दिन से लोगों को आरक्षण आंदोलन के लिए तैयार कर रही है।
सर्वजाट सर्वखाप आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा के प्रवक्ता सूबेसिंह सैमाण ने कहा कि शनिवार को जींद में जाट आरक्षण को लेकर खापें अपना पक्ष रखेंगी। उन्होंने कहा कि खापों ने केंद्र सरकार को चार फरवरी तक अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर चार फरवरी तक आरक्षण की व्यवस्था केंद्र सरकार नहीं करती है तो फिर जाट पहले की तरह ही आंदोलन चलाएंगे।
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