
सजायाफ्ता पूर्व विधायक दिलीप वर्मा शुक्रवार को जेल से इलाज के नाम पर बाहर आए, प्रेस कांफ्रेंस की और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
सपा जिलाध्यक्ष रामतेज यादव की मौजूदगी में जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए घर वापसी पर सुकून जताया। इसके बाद वे जेल लौट गए।
उनकी पत्नी माधुरी वर्मा नानपारा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का 2012 में चुनाव जीती हैं। महसी के पूर्व विधायक दिलीप, सिपाही के साथ मारपीट के मामले में दो वर्ष से जिला कारागार में बंद हैं।
हाईकोर्ट से सजा होने के बाद के बाद उन्होंने सुप्रीमकोर्ट की शरण ली लेकिन वहां भी उनकी अर्जी मार्च में खारिज हो गई तभी से वह जेल में बंद हैं। उन्हें पांच साल की सजा हुई थी।
वह सपा के टिकट पर महसी से दो बार विधायक रहे लेकिन बेनी प्रसाद वर्मा के एसकेडी बनाने पर दिलीप उसमें शामिल हो गए। इसके बाद बसपा का दामन थाम लिया। उनकी पत्नी माधुरी वर्मा को एमएलसी बना दिया गया था।
विस चुनाव में नानपारा सीट से दिलीप वर्मा कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए थे। ऐन मौके पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला आ गया। ऐसे में माधुरी ने एमएलसी सीट छोड़ दी और कांग्रेस से चुनाव लड़कर नानपारा से विधायक बन गईं।
सपा जिलाध्यक्ष रामतेज यादव की मौजूदगी में जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए घर वापसी पर सुकून जताया। इसके बाद वे जेल लौट गए।
उनकी पत्नी माधुरी वर्मा नानपारा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का 2012 में चुनाव जीती हैं। महसी के पूर्व विधायक दिलीप, सिपाही के साथ मारपीट के मामले में दो वर्ष से जिला कारागार में बंद हैं।
हाईकोर्ट से सजा होने के बाद के बाद उन्होंने सुप्रीमकोर्ट की शरण ली लेकिन वहां भी उनकी अर्जी मार्च में खारिज हो गई तभी से वह जेल में बंद हैं। उन्हें पांच साल की सजा हुई थी।
वह सपा के टिकट पर महसी से दो बार विधायक रहे लेकिन बेनी प्रसाद वर्मा के एसकेडी बनाने पर दिलीप उसमें शामिल हो गए। इसके बाद बसपा का दामन थाम लिया। उनकी पत्नी माधुरी वर्मा को एमएलसी बना दिया गया था।
विस चुनाव में नानपारा सीट से दिलीप वर्मा कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए थे। ऐन मौके पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला आ गया। ऐसे में माधुरी ने एमएलसी सीट छोड़ दी और कांग्रेस से चुनाव लड़कर नानपारा से विधायक बन गईं।
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