
कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कर विवादों में रह चुके आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण एक बार फिर सुर्खियों में हैं।
इस बार उन्होंने नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में सैन्य बलों की तैनाती के लिए जनमत संग्रह कराने की चर्चा कर नए बवाल को हवा दे दी है। उनकी इस मांग की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है।
इस बार उन्होंने नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में सैन्य बलों की तैनाती के लिए जनमत संग्रह कराने की चर्चा कर नए बवाल को हवा दे दी है। उनकी इस मांग की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है।
आप नेता और प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने शनिवार को कहा था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के मसले पर जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।
इससे पहले ऐसी ही मांग उन्होंने कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर की थी। उनकी इस मांग पर बवाल मचने पर उनकी खुद की पार्टी आप और इसके नेता अरविंद केजरीवाल ने किनारा कर लिया था।
भाजपा ने किया विरोध
भूषण की नक्सल प्रभावित इलाकों में जनमत संग्रह कराने की मांग पर भाजपा ने हमला बोला है।
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों की मदद से केंद्र इस मसले से निपटने की कोशिश कर रहा लेकिन ऐसे बयानों से इन कोशिशों को धक्का लगता है और इससे सुरक्षा बल हतोत्साहित होते हैं।
पार्टी ने आप नेतृत्व और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।
सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर मसलों पर प्रशांत भूषण के ऐसे बयानों से भाजपा आश्चर्यचकित है।
कश्मीर संबंधी बयान के बाद अब उन्होंने नक्सली इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती पर जनमत संग्रह की बात की है। पार्टी देश की आंतरिक सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़े ऐसे गैर जिम्मदाराना बयानों की निंदा करती है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद ही नक्सलवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बता चुके हैं। ऐसे में इस तरह के बयान देश के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि आप के नीति निर्माताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
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