
चुनावों में सरकारी धन का दुरुपयोग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का मुकदमा दिल्ली सरकार नहीं लडे़गी।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार (आप सरकार) के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील को वापस लेने की इजाजत देने का आग्रह किया गया था।
निचली अदालत ने शीला के खिलाफ अमानत में खयानत व भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने फिलहाल शीला दीक्षित को कुछ राहत प्रदान करते हुए उन्हें मामले में पक्ष बनाते हुए अपना पक्ष स्वयं रखने की इजाजत प्रदान कर दी। अदालत ने अब मामले की सुनवाई 19 मार्च तय की है।
इससे पूर्व शिकातयकर्ता भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि दिल्ली सरकार को तय नियमों के तहत अपनी अपील वापस लेने की इजाजत दी जानी चाहिए। वहीं शीला दीक्षित के उस आवेदन को खारिज किया जाए जिसमें स्वयं को सुनने का तर्क रखा है।
उन्होंने कहा यदि शीला को निचली अदालत के फैसले पर आपत्ति है तो उन्हें नए सिरे से याचिका दायर करनी चाहिए। शीला के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा जब सरकार अपनी अपील वापस ले रही है तो उनकी मुवक्किल को अपना पक्ष रखने की इजाजत मिलनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार (आप सरकार) के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील को वापस लेने की इजाजत देने का आग्रह किया गया था।
निचली अदालत ने शीला के खिलाफ अमानत में खयानत व भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने फिलहाल शीला दीक्षित को कुछ राहत प्रदान करते हुए उन्हें मामले में पक्ष बनाते हुए अपना पक्ष स्वयं रखने की इजाजत प्रदान कर दी। अदालत ने अब मामले की सुनवाई 19 मार्च तय की है।
इससे पूर्व शिकातयकर्ता भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि दिल्ली सरकार को तय नियमों के तहत अपनी अपील वापस लेने की इजाजत दी जानी चाहिए। वहीं शीला दीक्षित के उस आवेदन को खारिज किया जाए जिसमें स्वयं को सुनने का तर्क रखा है।
उन्होंने कहा यदि शीला को निचली अदालत के फैसले पर आपत्ति है तो उन्हें नए सिरे से याचिका दायर करनी चाहिए। शीला के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा जब सरकार अपनी अपील वापस ले रही है तो उनकी मुवक्किल को अपना पक्ष रखने की इजाजत मिलनी चाहिए।
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